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बिहारशरीफ का इलियास सऊदी अरब में बना है बंधक

दहशत . काम नहीं करने पर दी जाती है जेल की यातना परिवार के सदस्यों का रो-रोकर है बुरा हाल पुत्र को देखने के लिए तरस रही बूढ़ी मां बिहारशरीफ : विदेशों में यातना दिया जाना कोई नयी बात नहीं है. बेहतर भविष्य का सपना लेकर लोग विदेश में पैसा कमाने जाते हैं, लेकिन विदेशों […]

दहशत . काम नहीं करने पर दी जाती है जेल की यातना

परिवार के सदस्यों का रो-रोकर है बुरा हाल
पुत्र को देखने के लिए तरस रही बूढ़ी मां
बिहारशरीफ : विदेशों में यातना दिया जाना कोई नयी बात नहीं है. बेहतर भविष्य का सपना लेकर लोग विदेश में पैसा कमाने जाते हैं, लेकिन विदेशों में भारतीयों के साथ जो सलूक किया जाता है, उसे सुन कर रूह कांप जाती है. ऐसे ही यातना का शिकार बिहारशरीफ का बैगनाबाद निवासी मो क्यूम का पुत्र मो इलियास भी हो रहा है. सऊदी अरब से चार साल से वतन लौटने के लिए वह तड़प रहा है, लेकिन वहां की सरकार व भारतीय एम्बेसी भी मदद नहीं कर रही है.
सऊदी अरब से मो इलियास वतन लौटने की आस में तड़प रहा है, तो यहां उसकी मां व परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है. उसकी मां तो रो-रो कर बीमार हो गयी है. स्थानीय बैगनाबाद निवासी मो कयूम का पुत्र मो इलियास चार साल पहले वर्ष 2012 में सऊदी अरब की राजधानी रियाद गया था.
स्थानीय बैगनाबाद के ही एक एजेंट को 70 हजार रुपये देकर वह विदेश कमाने के लिए गया था. उक्त एजेंट ने मुंबई के एक मोहल्ला भाइखला में स्थित विजय ऑफिस के सहयोग से उसे रियाद भेजा था. हर महीने 20 हजार रुपये (भारतीय करेंसी में) की शर्त पर दो साल के एग्रीमेंट पर वह विदेश गया था. उसकी मां रजिया खातून ने बताया कि उसका बेटा सऊदी के अल खरज शहर में बंधक बना है. जिस सेठ के यहां वह काम करता है उसका नाम शाह अलकीस है और उसका फोन नंबर 0505442105 हैै. मेरा बेटा यहां मोटर मैकेनिक का काम करता था.
परिवार की तंगी को दूर करने व अपनी तीन बहनों की शादी कराने के उद्देश्य से पैसा कमाने के लिए वह सऊदी अरब गया था. वह बताती हैं कि बीस हजार रुपये हर माह दिये की बात कह कर वहां भेजा गया था. वहां पहुंचने के बाद उसे रियाद से 70 किलोमीटर दूर अल खरज नामक जगह पर एक सेठ के यहांं बेच दिया गया, जहां बंधक बनाकर उससे बेदर्दी से काम लिया जाने लगा. काम के बदले महज पांच हजार रुपये (भारतीय रुपये में) दिया जाता है.
शर्त के अनुसार पैसे की मांग करने पर उसे शारीरिक यातना मिलती है. जब भी वह फोन पर वहां से बात करता तो काफी रोता है. वह बताता है कि सेठ द्वारा उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया. धमकी दी जाती थी कि अब तुमको यहां रहकर बेगारी करनी होगी. उसके भाई आसिफ व मोहल्ले समाजसेवी संजय कुमार ने इलियास को भारत लाने में मदद करने की मांग सरकार व प्रशासन से की है.

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