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पौराणिक स्थल बचाने की कवायद
गरम कुंड का झरना बंद होना पर्यटन उद्योग पर खतरा अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर न केवल पौराणिक स्थलों के लिए बल्कि धार्मिक स्थलों, प्राकृतिक सुंदरता व गरम झरनों के कुंड के लिए प्रसिद्ध है. यहां देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष आते हैं. यहां आने वाले सैलानी गरम कुंड के झरनों का आनंद उठाना नहीं चूकते […]
गरम कुंड का झरना बंद होना पर्यटन उद्योग पर खतरा
अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर न केवल पौराणिक स्थलों के लिए बल्कि धार्मिक स्थलों, प्राकृतिक सुंदरता व गरम झरनों के कुंड के लिए प्रसिद्ध है. यहां देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष आते हैं. यहां आने वाले सैलानी गरम कुंड के झरनों का आनंद उठाना नहीं चूकते हैं.
इन गरम कुंडों के झरनों से पानी गिरने का सिलसिला बंद होते जाने से इस अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. यहां के चार कुंडों की धाराएं बंद हो गयी है, जिसकी जांच के लिए पटना से वरीय अधिकारियों की टीम राजगीर पहुंच कर कुंड का निरीक्षण किया एवं बंद कुंडों के झरनों को फिर से चालू कराने के प्रयास में जुट गये हैं.
सीएम हाउस के निर्देश पर जांच के लिए वरीय अधिकारियों की टीम हेलीकॉप्टर से पहुंची राजगीर
बिहारशरीफ/राजगीर : राजगीर की गिनती देश के सबसे पवित्र स्थलों में से एक के रूप में की जाती है. पंच पहाडि़यों से घिरे राजगीर न सिर्फ एक प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल है बल्कि पौराणिक स्थल एवं खुबसूरत हेल्थ रिसॉर्ट के रूप में भी लोकप्रिय है. राजगीर कभी मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी. भगवान बुद्ध व महावीर से जुड़ी यह देवनागिरी सभी धर्मों की संगम स्थली भी है. राजगीर की हरियााली जहां प्रकृति प्रेमियों को लुभाता है, वहीं धर्म पर आस्था रखने वाले लोग यहां आकर अपने आराध्य देव का दर्शन कर खुद को धन्य मानते हैं.
राजगीर धार्मिक स्थल होने, पौराणिक स्थल होने, प्राकृतिक सौंदर्य, गरम कुंड के झरनों व अपने प्राकृतिक सौदर्य के लिए प्रसिद्ध है. पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र राजा वसु ने राजगीर के ब्रह्मकुंड परिसर में एक यज्ञ का आयोजन कराया था. इस यज्ञ में शामिल होने के लिए आये देवी-देवताओं को एक ही कुंड में स्नान करने में परेशानी हो रही थी, तभी भगवान ब्रह्मा ने यहां 22 कुंड और 52 जल धाराओं का निर्माण किया था. वैभारगिरी पर्वत की सीढ़ियों के पास मंदिरों के बीच गरम जल कई झरने हैं.
ऐसा माना जाता है कि इन झरणों में सप्तपर्णी गुफा से जल आता है. इसी पर्वत पर भेलवाडोह तालाब है. ऐसी संभावना जतायी जाती है कि इसी तालाब से जल पर्वत से होते हुए यहां तक पहुंचता है. पर्वत में कइ्र तरह के केमिकल्स जैसे सोडियम, गंधक, सल्फर पाये जाते हैं. इन केमिकल्स के संकर्प में आने से पानी गरम हो जाता है. इस पानी से स्नान करने से कई तरह के त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाते हैं.
22 कुंडों के अलग-अलग नाम :
राजगीर में 22 कुंड है, जिसके अलग-अलग नाम हैं. ब्रह्मकुंड इसमें से सबसे महत्वपूर्ण है. ब्रह्मकुंड के पानी का तापमान करीब 45 डिग्री सेल्सियस होता है. इसे पाताल गंगा भी कहा जाता है. यहां आने वाले लोग सभी झरनों में स्नान करने के बाद ही ब्रह्मकुंड में स्नान करते हैं.
जाड़े के मौसम में यहां देश-विदेश के सैलानियों का हुजूम लगा रहता है. यहां सप्तधाराएं भी बहती है. इन सप्त धाराओं के नाम ऋषि मुनियों के नाम पर है. 22 कुंडों में ब्रह्मकुंड के अलावा मार्कंडेय कुंड, व्यास कुंड, अनंत ऋषि कुंड, गंगा-यमुना कुंड, साक्षी धारा कुंड, सरस्वती कुंड, अहिल्या कुंड, सीता कुंड, गणेश कुंड आदि है. राम-लक्ष्मण कुंड की एक धारा से ठंडा तो दूसरी धारा से गरम पानी निकलता है.
पटना से आये अधिकारियों की टीम ने लिया जायजा :
गरम कुंड की धाराओं के बंद होने के संबंध में सीएम हाउस के निर्देश पर शुक्रवार को वरीय अधिकारियों की टीम ने राजगीर पहुंच कर बंद हो चुके कुंड की धाराओं का निरीक्षण किया.
शुक्रवार की दोपहर हेलीकॉप्टर से राजगीर पहुंचे अधिकारियों के दल में जल संसाधन विभाग सह लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरूण कुमार, पीएचइडी के प्रधान सचिव अंशुल आर्या, दोनों विभागों के इंजीनियर इन चीफ, चीफ इंजीनियर, एक्जीक्यूटिव इंजीनियर व सेंट्रल वाटर बोर्ड के अधिकारी शामिल थे. इन अधिकारियों ने जिला प्रशासन के स्थानीय अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की. सूखने वाले कुंडों का निरीक्षण भी किया.
जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरूण कुमार ने बताया कि गरम कुंड की धाराओं के बंद होने के कारणों की पड़ताल की जायेगी. उन्होंने बताया कि पांडू पोखर में हाल के दिनों में बनाये गये पंप हाउस से कही गरम कुंड की धाराओं पर कहीं विपरीत प्रभाव तो नहीं पड़ा है. इसके अलावा भू-गर्भीय जल स्तर के गिरने से भी असर पड़ सकता है. इसकी जांच सेंट्रल वाटर बोर्ड की टीम से करायी जायेगी.
उन्होंने कहा कि भेलवाडोव तालाब की खुदाई करायी जायेगी. जल स्रोतों के जीर्ण-शीर्ण चैंबर की भी मरम्मत की जायेगी. पांडु पोखर में गरम पानी के हैंड पंप को डीएम ने तत्काल प्रभाव से सील करा दिया गया है. अधिकारियों की टीम ने स्थानीय अधिकारियों को इसके लिए डीपीआर बनाने का भी निर्देश दिया है. स्थानीय लोगों ने बताया कि गरमी के मौसम में हर वर्ष इन झरनों से काफी कम मात्रा में पानी गिरता है. बरसात के बाद जल की धारा मे तेजी आ जाती है.
चार कुंड पड़े हैं बंद :
राजगीर के 22 कुंडों में चार कुंड पानी नहीं आने की वजह से बंद हो चुके हैं. इन चार कुंडों में गंगा यमुना कुंड, अनंत ऋषि कुंड, राम-लक्ष्मण कुंड व अहिल्या कुंड बंद हो चुके हैं. गंगा-यमुना कुंड की दो, व्यास कुंड की एक और मार्कंडेय कुंड की एक धारा से पानी निकलना बंद है. कुछ दिन पूर्व तक इनमें रूक-रूक कर पानी गिरता था, मगर अब वो भी बंद है.
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