बिहारशरीफ़ : त्याग व बलिदान के प्रतीक के रूप में मनाये जाने वाला पर्व बकरीद शुक्रवार को जिले में परंपरागत ढंग से मनाने के लिए आवश्यक तैयारियों पूरी कर ली गयी है.
मुसलिम धर्मावलंबियों द्वारा इस पर्व के अवसर पर कुरबानी के लिए बकरा सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी कर ली गयी है. लोग अपनी हैसियत के मुताबिक बकरे की खरीदारी की है,
जिसे कुरबानी देने के बाद उसका मांस न सिर्फ अपने परिवार व दोस्तों को खिलाने बल्कि पड़ोस के गरीबों के बीच बांटेंगे. ने की भी तैयारी कर रहे हैं. श्रद्धालुओं का मानना है कि कुरबानी देने से अल्ला ताला उनका गुनाह माफ कर देते हैं तथा उनके रहमत से जीवन में खुशहाली आती है.
इस पर्व की शुरुआत के बारे में बताया जाता है कि अल्ला-ताला ने हजरत सल्लालैह वसलम के इबादत की परीक्षा लेने के लिए उनसे अपने सबसे प्रिय की कुरबानी देने को कहा.
इस पर हजरत सल्लालैह वसलम ने अपने पुत्र इस्माइल को अल्ला-ताला के आदेश पर कुरबानी देने का निर्णय लिया. परंतु ऐन कुरबानी के वक्त अल्ला ताला ने उनके पुत्र इस्माइल को बचा लिया तथा उसकी जगह पर दुम्बा की कुरबानी कुबूल की.
इसी वाकये की यादव में लोग अपने प्रिय के प्रतीक के रूप में बकरे की कुरबानी देते हैं. बकरीद पर्व को लेकर तीन दिनों तक कुरबानी का सिलसिला चलेगा. शुक्रवार की सुबह छह बजे से आठ बजे तक इस मौके पर सभी मसजिदों व ईदगाहों में बकरीद की नमाज अता की जायेगी.