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कॉलेजों में साइंस पढ़ने वाले छात्रों की रुचि बढ़ी
कई विषयों में एडमिशन को ले मारामारी तो कुछ विषयों की पूछ नहीं बिहारशरीफ : स्नातक प्रथम खंड में नामांकन को लेकर जिले के कॉलेजों में विचित्र स्थिति बनी हुई है. कुछ विषयों में जहां सीट फुल होते देर नहीं लगी. वहीं कई विषयों की ओर विद्यार्थी देखना भी पसंद नहीं कर रहे हैं. इस […]
कई विषयों में एडमिशन को ले मारामारी तो कुछ विषयों की पूछ नहीं
बिहारशरीफ : स्नातक प्रथम खंड में नामांकन को लेकर जिले के कॉलेजों में विचित्र स्थिति बनी हुई है. कुछ विषयों में जहां सीट फुल होते देर नहीं लगी. वहीं कई विषयों की ओर विद्यार्थी देखना भी पसंद नहीं कर रहे हैं.
इस बार कॉलेजों में सबसे बड़ी बात यह देखने को मिल रही है कि हर विद्यार्थी साइंस सब्जेक्ट से ही स्नातक ऑनर्स पास करना चाहते हैं. गणित,भौतिकी व रसायन विज्ञान जैसे कठिन विषय इन दिनों विद्यार्थियों की खास पसंद बन गयी है.
इसलिए जिले के विभिन्न कॉलेजों में इन विषयों में सीट भरते देर नहीं लगी. बल्कि अब तक विद्यार्थी इन विषयों के चक्कर में विभिन्न कॉलेजों में एडमिशन का जुगाड़ लगाते देखे जा रहे हैं. मजबूरी में कई विद्यार्थी बॉटनी और जुलॉजी में भी धीरे-धीरे नामांकन करा रहे हैं. यहीं स्थिति आर्ट्स सब्जेक्ट के भी कुछ विषयों में देखा जा रहा है. हर विद्यार्थी ज्योग्राफी ऑनर्स की रट लगाये हुए हैं. इसी प्रकार छात्राएं होम साइंस ऑनर्स के चक्कर में इस कॉलेज से उस कॉलेज में घूम रही हैं. हालांकि मजबूरी में विद्यार्थी इतिहास,मनोविज्ञान व राजनीति शास्त्र में भी एडमिशन करा रहे हैं.
भाषा विषयों में विद्यार्थी हैं उदासीन: जिले के विद्यार्थी भाषा विषयों से बिल्कुल दूरी बना कर चल रहे हैं. कॉलेजों में हिंदी,अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू , पाली आदि विषयों में गिने-चुने विद्यार्थी ही एडमिशन ले रहे हैं. कुछ कॉलेजों में तो इन विषयों में एक का भी एडमिशन अबतक नहीं हुई है. हालांकि स्थानीय नालंदा कॉलेज व किसान कॉलेज में जहां संस्कृत सब्जेक्ट में ऑनर्स नहीं है तो नालंदा महिला कॉलेज में पाली सब्जेक्ट में ऑनर्स की पढ़ाई नहीं है.
शिक्षकों की कमी भी है बड़ी बाधा:
जिले के अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षकों की कमी भी बड़ी बाधा बन रही है. शिक्षक के अभाव रहने से भी विद्यार्थी उन विषयों में संबंधित विषय में एडमिशन लेने से हिचकते हैं. स्थानीय नालंदा कॉलेज में संस्कृत के शिक्षक नहीं है तो नालंदा महिला कॉलेज में मैथ, जुलॉजी, फिजिक्श व पाली विषय के एक भी शिक्षक नहीं है.
कई कॉलेजों में बंद हुआ एडमिशन:
जिले के सभी अंगीभूत कॉलेजों में साइंस में 640 व आर्ट्स में लगभग 800 सीटें निर्धारित है. इनमें अलग-अलग ऑनर्स सब्जेक्ट में 160 सीटों का लिमिट होता है. कुछ विषयों में प्राचार्य को स्वविवेक से सीटें घटाने-बढ़ाने की स्वतंत्रता अवश्य है. लेकिन टोटल सीटों में वृद्धि नहीं की जा सकती है. जिले के अधिकांश कॉलेजों में स्नातक में एडमिशन कुछ विषयों को छोड़ कर बंद होने की स्थिति में हैं.
स्नातक में नामांकन की स्थिति:
विषय – नामांकन की स्थिति
गणित – नालंदा महिला कॉलेज के अलावा सभी जगह फुल
भौतिकी – सभी कॉलेजों में सीटें फुल
रसायन विज्ञान – सभी कॉलेजों में सीटें फुल
बॉटनी – किसान कॉलेज व नालंदा महिला कॉलेज में खाली
जुलॉजी- किसान कॉलेज व नालंदा महिला कॉलेज में खाली
भूगोल- सभी कॉलेजों में सीटें फुल
इतिहास – कहीं-कहीं कुछ सीटें खाली
प्राचीन इतिहास – कहीं-कहीं कुछ सीटें खाली
मनोविज्ञान- कहीं-कहीं कुछ सीटें खाली
अर्थशास्त्र- अधिकांश जगह सीटें खाली
राजनीति शास्त्र- सभी कॉलेजों में सीटें खाली
गृह विज्ञान – सभी कॉलेजों में सीटें फुल
भाषा विषय:
हिंदी- सभी कॉलेजों में खाली
अंग्रेजी- सभी कॉलेजों में खाली
संस्कृत- सभी कॉलेजों में खाली
उर्दू- सभी कॉलेजों में खाली
पाली-सभी कॉलेजों में खाली.
स्नातक प्रथम खंड में टोटल सीटें लगभग भर गयी है. कुछ विषयों में एडमिशन कम तो कुछ विषयों में काफी अधिक हुए हैं. कुछ विषयों में सीटें बढ़ाने की जरूरत है.
डॉ सच्चिदानंद सिंह प्राचार्य, नालंदा कॉलेज, बिहारशरीफ
छात्राओं का इकलौता कॉलेज होने के बावजूद विषय वार पर्याप्त शिक्षक नहीं है. इसके कारण कई विषयों में छात्राएं एडमिशन लेने में हिचकिचाती हैं.
डॉ पूनम प्राचार्य,नालंदा महिला कॉलेज, बिहारशरीफ
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