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बाढ़ पूर्व तैयारी में जुटा प्रशासन

बिहारशरीफ : पिछले वर्ष के भीषण बाढ़ से जिले में आयी तबाही के मंजर को याद कर आज भी प्रभावित क्षेत्रों के लोग सिहर उठते हैं. अगर इस बार भी थोड़ी से चूक हुई तो स्थिति को काबू में लाना प्रशासन के लिए मुश्किल होगा. इस बात का अहसास प्रशासन को भी है. यहीं वजह […]

बिहारशरीफ : पिछले वर्ष के भीषण बाढ़ से जिले में आयी तबाही के मंजर को याद कर आज भी प्रभावित क्षेत्रों के लोग सिहर उठते हैं. अगर इस बार भी थोड़ी से चूक हुई तो स्थिति को काबू में लाना प्रशासन के लिए मुश्किल होगा.
इस बात का अहसास प्रशासन को भी है. यहीं वजह है कि मलमास मेला व अन्य कार्यो में व्यस्तता के बावजूद जिला प्रशासन संभावित बाढ़ से सुरक्षा व बचाव की तैयारी में जुट गया है. डीएम बी कार्तिकेय के निर्देश पर विभाग वार आवश्यक तैयारियां की जा रही है.
जिले के सभी अंचलों से क्षतिग्रस्त सड़क,तटबंध एवं जमींदारी बांधों की सूची प्राप्त कर संबंधित विभागों को 15 दिनों के अंदर इसे मरम्मत करा कर सुदृढ़ एवं मजबूत बनाने का निर्देश दिया गया हैं. इसके लिए युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है. विडंबना की यह बात हैं कि जब मॉनसून की दस्तक होती है, तभी क्षतिग्रस्त एवं कमजोर तटबंधों की ओर सरकार व संबंधित विभाग का ध्यान जाता है. इसके पूर्व आवश्यक राशि का आवंटन भेजने में आनाकानी की जाती है.
मिट्टी कार्य के लिए 15 जून तक की अंतिम तिथि निर्धारित थी. इस तिथि के बाद बरसात के पानी में मिट्टी के बह जाने की आशंका के मद्देनजर मिट्टी कार्य पर रोक लगा दिया जाता है. संबंधित विभाग की उदासीनता के कारण इस परंपरा को धता बताते हुए 15 जून के बाद मिट्टी से भराई की जाती है.
बाढ़ पूर्व तैयारी के दौरान में प्रभावित क्षेत्र, उसमें रहने वाली आबादी का आकलन, बाढ़ आने पर उनके लिए सुरक्षित स्थानों का चयन,पशु चारा,पशु दवा, नाव, पॉलीथिन शीट्स, गुड़, सत्तू, चना आदि की व्यवस्था, तटबंधों की सुरक्षा व्यवस्था, खाद्यान्न की व्यवस्था, रूट चार्ट आदि के लिए संबंधित विभागों द्वारा तैयारी की जा रही है. विदित हो कि जिले में नौ प्रखंड के 121 पंचायत बाढ़ प्रभावित माने जाते हैं. इसमें 43 पंचायत पूर्व एवं 84 पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित रहता है.
इनमें 222 गांव पूर्ण व 215 गांव आंशिक रूप से प्रभावित माना जाता है. कुल करीब छह लाख की आबादी बाढ़ से पूर्ण अथवा आंशिक रूप से प्रभावित रहने की संभावना रहती है. इस बार आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रशिक्षित बचाव दल का विशेष रूप से गठन किया गया है. जिसका उपयोग जरूरत पड़ने पर कियाजा सकेगा.
बाढ़ से तबाही के मंजर याद कर सिहर उठते हैं लोग:
पिछले मॉनसून की बरसात से उत्पन्न भीषण बाढ़ ने जिले में भारी तबाही मचायी थी. इसमें दो बहुमंजिला इमारत सहित करीब दर्जन भर पक्के मकान,सैकड़ों कच्चे मकान ध्वस्त हो गये.
50 से अधिक मानव एवं कई पशु को बाढ़ में जान से हाथ धोना पड़ा, करोड़ों रुपये के फसलों को बाढ़ ने लील लिया. इस दौरान सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा प्रभावितों के बीच राहत व मुआवजा के रूप में 73 करोड़ 15 लाख 33 हजार 729 रुपये की राशि का वितरण किया गया था. वहीं किसानों को फसल क्षति मुआवजा के रूप में 27 करोड़ 54 लाख 99 हजार 981 रुपये एवं डीजल अनुदान के रूप में छह करोड़ एक लाख 81 हजार 78 रुपये का वितरण किया गया.

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