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कारणों की दिन भर होती रही पड़ताल
औराई के पटोरी गांव में टीके लगाने के बाद बच्चों की मौत का मामला मुजफ्फरपुर : औराई के पटोरी गांव में जेइ व मिजिल्स के टीके के बाद दो बच्चों की मौत की जांच करने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम रविवार को औराई पहुंची. सिविल सर्जन डॉ ललिता सिंह के साथ पहुंची टीम ने जिन […]
औराई के पटोरी गांव में टीके लगाने के बाद बच्चों की मौत का मामला
मुजफ्फरपुर : औराई के पटोरी गांव में जेइ व मिजिल्स के टीके के बाद दो बच्चों की मौत की जांच करने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम रविवार को औराई पहुंची. सिविल सर्जन डॉ ललिता सिंह के साथ पहुंची टीम ने जिन बच्चों की मौत हुई थी, उनके घर जाकर परिवार के लेागों से जानकारी ली. टीका पड़ने के बाद जो बच्चे अाक्रांत हुए थे, उनके परिवार के लोगाें से टीका के बाद बच्चों में आये परिवर्तन के बारे में पूछा.
इसके बाद टीका के रख-रखाव के बारे में औराई पीएचसी प्रभारी से जानकारी ली. टीम ने पीएचसी जाकर डिफ्रिजर को देखा. केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की दो सदस्यीय टीम के साथ आये डॉक्टर डॉ नरेंद्र कुमार ने कहा कि टीके के सैंपल की जांच होगी. इसके बाद ही बच्चे की मौत के कारण का पता चलेगा. उनके साथ राज्य स्वास्थ्य समिति के डॉ रदन रंजन भी मौजूद थे.
जांच के लिए कोलकाता भेजा गया सैंपल. जेइ व मिजिल्स के टीके की जांच के लिए उसी बैच का सैंपल जांच के लिए कोलकाता भेजा गया. सिविल सर्जन डॉ ललिता सिंह ने बताया कि टीके की जांच लैब में होगी. उसकी गुणवत्ता को परखा जायेगा. लैब रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि टीके में कोई खराबी थी या डायरिया से पीड़ित होने के कारण वे टीके से आक्रांत हुए. उन्होंने बताया कि पूरे मामले की जांच के लिए जिला स्तर पर एक अलग से टीम बनायी गयी है.
औराई के पीएचसी प्रभारी से मांगा स्पष्टीकरण. सिविल सर्जन डॉ ललिता सिंह ने रविवार को औराई पीएचसी प्रभारी को जम कर फटकार लगायी. उन्होंने पूरे मामले में दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की है. जानकारी हो कि औराई पीएचसी पर सरकार की भी नजर है. पीएचसी की व्यवस्था सुधारने के लिए पहले भी सरकारी निर्देश आ चुके हैं. सीएस ने इस मामले की गंभीता को देखते हुए टीके की स्थिति, रख-रखाव व आंगनबाड़ी सेंटरों पर टीका भेजने का साधन, आइस बॉक्स की उपलब्धता के बारे में विस्तृत जानकारी ली.
जांच के लिए सीएस ने बनायी एइएफआइ कमेटी. टीकाकरण से मौत मामले की जांच के लिए सीएस ने रविवार को एइएफआइ कमेटी का गठन किया. कमेटी में एसीएमओ, अस्पताल उपाधीक्षक, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला मलेरिया पदाधिकारी मुख्य रूप से शामिल किये गये हैं. कमेटी टीकाकरण के पूरे मामले की सोमवार को जांच करेगी.
मातमी सन्नाटे को वेध रही थी करुण चीत्कार
पटोरी गांव में रविवार को भी सन्नाटा पसरा था. हर चेहरे मायूस थे. रंजीत महतो व गोनौर सहनी के घर से आती करुण चीत्कार की आवाज सन्नाटे को वेध रही थी. एक पेड़ की छांव में बैठे वार्ड सदस्य रामपुकार सहनी, गणेशी सहनी, तपेश्वर दास, देवेंद्र दास आदि ने कहा कि अब तक दोनों परिवारों को किसी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं मिली है. उधर रंजीत महतो व उनकी पत्नी मां रिंचू देवी अपने लाडले राजाबाबू की मौत से टूटे हुए थे. रिंचू बार-बार बेटे का नाम लेकर विलाप करने लगती थी. गोनौर सहनी व उनकी पत्नी केवला देवी भी सोनू की मौत के शोक से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं.
औराई. सरहंचिया पंचायत की पटोरी गांव में शनिवार की अहले सुबह हुई दो बच्चों की मौत की जांच को लेकर रविवार को सिविल सर्जन सहित कई चिकित्सक पीएचसी पहुंचे. करीब पांच घंटे तक विभिन्न बिंदुओं पर जांच की.दवा के रखरखाव सहित विभिन्न पहलुओं की पड़ताल की. वहां से लौटने के क्रम में सिविल सर्जन को आशा कार्यकर्ताओं ने घेर लिया.
वे एएनएम शकुंतला देवी पर दर्ज प्राथमिकी वापस करने की मांग कर रही थीं. इधर गांव में मातम पसरा रहा. राजाबाबू व सोनू के घर से रह-रहकर करुण चीत्कार की आवाज माहौल को गमगीन कर रही थी. सीएस डाॅ ललिता सिंह, डीपीएम बीपी वर्मा, केंद्रीय मंत्रालय के डाॅ नरेंद्र रविवार को पीएचसी पहुंचे. एएनएम शकुंतला देवी से पूछताछ की. एएनएम खुद को निर्दोष बताते हुए अपनी बढ़ती उम्र का हवाला देती रहीं. विभिन्न मुद्दों पर गहन जांच के बाद पत्रकारों से बातचीत में सिविल सर्जन ने कहा कि आरोपित एएनएम के साथ ही प्रभारी से सभी बिंदुओं पर जानकारी ली गयी है.
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