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मार्शल आर्ट सीखेंगे डॉक्टर

पहल. दिल्ली के सीनियर रेसिडेंट डॉक्टरों की मुहिम रंग लायी मुजफ्फरपुर : मरीजों के इलाज के दौरान डॉक्टर अब खुद पर होनेवाले हमले से मार्शल आर्ट के जरिये आत्मरक्षा करेंगे. सरकारी व निजी अस्पतालों में आये दिन मारपीट की घटना को देखते हुए जिले के डॉक्टरों ने मार्शल आर्ट सीखने का निर्णय लिया है. इंडियन […]

पहल. दिल्ली के सीनियर रेसिडेंट डॉक्टरों की मुहिम रंग लायी

मुजफ्फरपुर : मरीजों के इलाज के दौरान डॉक्टर अब खुद पर होनेवाले हमले से मार्शल आर्ट के जरिये आत्मरक्षा करेंगे. सरकारी व निजी अस्पतालों में आये दिन मारपीट की घटना को देखते हुए जिले के डॉक्टरों ने मार्शल आर्ट सीखने का निर्णय लिया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन डॉक्टरों के लिए अनिवार्य रूप से मार्शल आर्ट कोर्स शुरू करने पर विचार कर रहा है.
इसके तहत ब्लैक बेल्ट विशेषज्ञ को बतौर ट्रेनर नियुक्त कर नियमित रूप से डॉक्टरों को कराटे व ताइक्वांडों की ट्रेनिंग दी जायेगी. मरीज या उनके परिजन यदि उनके साथ मारपीट करेंगे, तो डॉक्टर मार्शल आर्ट से आत्मरक्षा करेंगे. आइएमए की जिला इकाई इस मुद्दे पर सहमति बना रही है.
एम्स के डॉक्टरों से मिली प्रेरणा. आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट सीखने की प्रेरणा दिल्ली के डॉक्टरों से ली है. यहां एम्स सहित चर्चित अस्पतालों के करीब 1500 डॉक्टर 15 मई से मार्शल आर्ट ट्रेनिंग करेंगे. सीनियर रेसिडेंट डॉक्टर के अध्यक्ष विजय गुर्जर के आह्वान पर सभी डॉक्टर एकमत हुए हैं. ट्रेनिंग के लिए मार्शल आर्ट के दो ब्लैक बेल्ट विशेषज्ञों को नियुक्त किया गया है. एम्स प्रशासन ने इसकी अनुमति दे दी है. डॉक्टर नियमित रूप से रोज शाम के दो घंटे मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण लेंगे.
पाठ्यक्रम में मार्शल आर्ट शामिल करने की मांग
ट्रेनिंग देने पर आइएमए भी कर रहा विचार
दिल्ली के डॉक्टरों ने मार्शल आर्ट सीखने की पहल कर देश भर के डॉक्टरों को प्रेरणा दी है. जिले में भी इसकी पहल की जा रही है. जूनियर व सीनियर सभी डॉक्टरों को शामिल करने की पहल हुई है. हमलोग आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट सीखेंगे. साथ ही एमसीआइ से मांग करेंगे कि वह पाठ्यक्रम में मार्शल आर्ट को शामिल करे. वैसे हमलोग आइएमए की ओर से सभी डॉक्टरों को आत्मरक्षा इस हुनर को सीखने की अपील करेंगे.
डॉ संजय कुमार, आइएमए नेता
मार्शल आर्ट सीखने की पहल अच्छी है. आत्मरक्षा का हक सभी को होना चाहिए. डॉक्टर भी इंसान है. यदि उसके साथ मारपीट की जाती है, तो वे मार्शल आर्ट से अपनी रक्षा करेंगे. जिले में भी इस तरह की ट्रेनिंग के लिए विचार किया जा रहा है. अक्सर डॉक्टरों के साथ मारपीट में असामाजिक तत्व सक्रिय हो जाते हैं. अधिकतर मामलों में मरीज के परिजन के बजाये यही तत्व मारपीट व तोड़फोड़ करते हैं. ऐसी स्स्थिति से
निबटने के लिए मार्शल आर्ट सीखना जरूरी है.
डॉ सुरेश शर्मा, उपाध्यक्ष, आइएमए
डॉक्टरेां को अपनी रक्षा का हक है. बेवजह से उसके साथ मारपीट किया जाये तो वह कैसे बचेगरा, इसलिए जरूरी है कि हमलोग भी मार्शल आर्ट सीख कर खुद को प्रशिक्षित करें. हमलोगों के साथ कोई मारपीट करता है तो हम उससे अपना बचाव करें. मार्शल आर्ट सीखने का मतलब यह नहीं कि हमलोग मारपीट करेंगे. यह सिर्फ बचाव का तरीका है. हमलोग यह हुनर सीख कर खुद को बचा सकते हैं.
– डॉ विजय कुमार, श्वांस रोग विशेषज्ञ
समय के साथ डॉक्टर असुरक्षित हो गये हैं. इन दिनों छोटी-छोटी बात पर डॉक्टरेां के साथ मारपीट की जा रही है. इलाज नहीं करने के नाम पर, गलत इलाज के नाम पर, अधिक पैसा लेने के नाम पर लोग डॉक्टरों को पीट देते हैं. मैं यह नहीं कहता कि सभी मामले में डॉक्टरों की कोई गलती नहीं होती, लेकिन बिना जाने समझे डॉक्टरों को पीट देना कहां का न्याय है. ऐसे माहौल में डॉक्टरों के लिए जरूरी है कि वे अपनी आत्म रक्षा के लिए मार्शल आर्ट सीखे. जिले में आइएमए की ओर से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाये.
– डॉ आरएन शर्मा, चर्म रोग विशेषज्ञ
आइएमए से जुड़े जिले के कई डॉक्टर : मेडिकल पाठ्यक्रम के पहले वर्ष से ही मार्शल आर्ट को शामिल करने की मांग कर रहे हैं. इसके लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को लिखा जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि पाठ्यक्रम में मार्शल आर्ट शामिल होने से डॉक्टरों को अलग से प्रशिक्षण लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वे पढ़ाई के साथ अपनी आत्मरक्षा के गुर भी सीख जायेंगे.
वर्तमान समय की जरूरत समझ रहा आइएमए : आइएमए का जिला संगठन वर्तमान समय में डॉक्टरों का मार्शल आर्ट सीखना जरूरत समझ रहा है. ऐसा इसलिए माना जा रहा है कि जिले के सरकारी व निजी अस्पतालों में डॉक्टरों के साथ मारपीट व तोड़फोड़ व आगजनी की घटनाएं बढ़ी है. एक पखवारा पूर्व एसकेएमसीएच में डॉक्टरों व एंबुलेंसकर्मियों के साथ हुई मारपीट में कई डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हो गये थे. निजी अस्पतालों में भी पुलिस के आने तक काफी नुकसान हो जाता है. ऐसी स्स्थिति में आइएमए का मानना है कि डॉक्टर यदि मार्शल आर्ट से प्रशिक्षित होंगे तो वे उपद्रवियों से अपना बचाव कर पायेंगे.

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