मुजफ्फरपुर : मेडिकल छात्रों व जूनियर डॉक्टरों के साथ स्थानीय लोगों व एंबुलेंस चालकों की हुई हिंसक झड़प के चार दिन बाद मंगलवार को स्थानीय लोगों ने विरोध मार्च निकाला. विरोध मार्च में शामिल लोगों का कहना था कि जूनियर डॉक्टरों व मेडिकल छात्रों पर दर्ज हुए एफआइआर में नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी जल्द की […]
मुजफ्फरपुर : मेडिकल छात्रों व जूनियर डॉक्टरों के साथ स्थानीय लोगों व एंबुलेंस चालकों की हुई हिंसक झड़प के चार दिन बाद मंगलवार को स्थानीय लोगों ने विरोध मार्च निकाला. विरोध मार्च में शामिल लोगों का कहना था कि जूनियर डॉक्टरों व मेडिकल छात्रों पर दर्ज हुए एफआइआर में नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी जल्द की जाये.
जिन मेडिकल छात्रों ने ग्रामीणों को पीटा है, उनकी जल्द गिरफ्तारी की जाये. अगर गिरफ्तारी नहीं होती है, तो वे फिर से आंदोलन करेंगे. विरोध मार्च में बड़ी संख्या में लोग शामिल थे. इसमें महिलाएं व बच्चे भी शामिल थे. विरोध मार्च में शामिल लोगों ने 22 नामजद जूनियर डॉक्टरों व मेडिकल छात्रों की गिरफ्तारी नहीं होने पर रोष जताया. उनका कहना था कि पुलिस प्रशासन नामजद जूनियर डॉक्टरों व मेडिकल छात्रों की गिरफ्तारी नहीं कर रहा है. अगर उनकी गिरफ्तारी नहीं होती है, तो पुलिस द्वारा जेल भेजे गये चार ग्रामीणों को भी छोड़ें.
उनकी मांग थी कि अस्पताल प्रशासन निजी एंबुलेंस चालकों को अस्पताल के आसपास पार्किंग के लिए जगह मुहैया कराये. जिला व पुलिस प्रशासन मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के साथ शांति व्यवस्था कायम करे. विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे भीखनपुर पंचायत के मुखिया सुरेश पासवान, जगन्नाथ राम, रवींद्र साह, शंभु सहनी ने बताया कि यह शांति विरोध मार्च है. हम लोगों ने कानून को पहले भी हाथ में नहीं लिया था. उन्होंने आरोप लगाया कि जो हंगामा हुआ, उसमें कुछ डॉक्टर व मेडिकल छात्रों की संलिप्तता है. पुलिस व जिला प्रशासन इस दिशा में पहल कर उनकी गिरफ्तारी करे.