कहा, केंद्रीय मंत्री ने
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राशन पर नगद सब्सिडी राज्य में नहीं होगी लागू
कहा, केंद्रीय मंत्री ने दिया है आश्वासन मुजफ्फरपुर : फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रधान सचिव देवन रजक ने डीलरों को राशन-केरोसिन के वितरण में उनकी भूमिका समाप्त करने की आशंका को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि बीते 20 मार्च को दिल्ली में वार्ता के क्रम में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक […]
दिया है आश्वासन
मुजफ्फरपुर : फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रधान सचिव देवन रजक ने डीलरों को राशन-केरोसिन के वितरण में उनकी भूमिका समाप्त करने की आशंका को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि बीते 20 मार्च को दिल्ली में वार्ता के क्रम में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने भी ऐसी किसी आशंका से इनकार किया है. केंद्रीय मंत्री के अनुसार, केंद्र सरकार ने खाद्य सब्सिडी को सीधे उपभोक्ता के खाते में भेजने की योजना अभी शुरुआती दौर में है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसे चंडीगढ़, पुंडुचेरी, दादर और हवेली में शुरू किया गया है.
अन्य क्षेत्रों में इसे हाल-फिलहाल चालू करने की कोई योजना नहीं है. वे रविवार को समाहरणालय परिसर में फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन की जिला कार्यसमिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे. डीलरों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिये जाने के संबंध में उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री ने इसे राज्य सरकारों का मामला बताया. जल्दी ही इस संबंध में राज्य सरकार से वार्ता की जायेगी.
कमीशन में वृद्धि के संबंध में भी विभागीय मंत्री ने वित्त मंत्री से बात करने का आश्वासन दिया है. बैठक में केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के प्रति सदस्यों ने आभार प्रकट किया. फैसला लिया कि 27 मार्च को एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल तीन सूत्री मांगों को लेकर डीएम से मिलेगा. अध्यक्षता वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरुण चौधरी ने किया. मौके पर हीरालाल यादव, रामबाबू पटेल, उमाशंकर पासवान, प्रमोद कुमार, भीम बली सहनी, विश्वनाथ चौधरी, महेश कुमार यादव, राजेंद्र प्रसाद यादव, अनिल पासवान सहित अन्य लोग मौजूद थे.
स्वतंत्रता सेनानी के उत्तराधिकार से संबंधित मामलों के निबटारे में प्रशासन सुस्त : मुजफ्फरपुर. बिहार स्वतंत्रता सेनानी आश्रित एवं उत्तराधिकारी संगठन के अध्यक्ष कुमार चौधरी ने जिला प्रशासन पर उत्तराधिकार से संबंधित मामले में उदासीनता बरतने का आरोप लगाया है. रविवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने कहा कि अंचल से लेकर जिला कार्यालय में स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकार से संबंधित सैकड़ों आवेदन लंबित हैं, लेकिन उसका निष्पादन नहीं हो रहा है. चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मृतक के आश्रितों व उत्तराधिकारियों को भी सम्मानित करने का फैसला लिया है. लेकिन, प्रशासन की उदासीनता के कारण कई लोग इससे वंचित रह जायेंगे.
उन्होंने आर्थिक आधार पर स्वतंत्रता सेनानियों के पोता-पोती, नाती-नातिन की शादी के लिए 51 हजार रुपये अनुदान देने की सरकार से मांग की. साथ ही राज्य की सभी सेवाओं में दो प्रतिशत सीटें स्वतंत्रता सेनानी के आश्रितों के लिए आरक्षित रखने की डिमांड भी की.
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