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जिले के 17 स्कूलों में एक करोड़ रुपये का घोटाला

मुजफ्फरपुर : भवन निर्माण के नाम पर जिले के सरकारी स्कूलों में एक करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है. 17 स्कूलों के हेडमास्टरों ने मिल कर राशि का वारा-न्यारा कर दिया. रकम अतिरिक्त वर्ग कक्ष व प्रधानाध्यापक कक्ष निर्माण के लिए मिली थी. यह खेल पांच प्रखंडों के 17 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ने किया […]

मुजफ्फरपुर : भवन निर्माण के नाम पर जिले के सरकारी स्कूलों में एक करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है. 17 स्कूलों के हेडमास्टरों ने मिल कर राशि का वारा-न्यारा कर दिया. रकम अतिरिक्त वर्ग कक्ष व प्रधानाध्यापक कक्ष निर्माण के लिए मिली थी. यह खेल पांच प्रखंडों के 17 स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ने किया है. इतनी बड़ी राशि का एक साथ घोटाला होने से शिक्षा विभाग के हाथ-पांव फूल रहे हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारी ने आनन-फानन में बीइओ को मामले में प्राथमिकी

जिले के 17 स्कूलों
दर्ज करने का निर्देश दिया है.
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद से भवन निर्माण के लिए अलग-अलग वित्तीय वर्षों में राशि निर्गत की गयी थी. भवन प्रभारियों ने राशि की निकासी तो कर ली, लेकिन निर्माण कार्य पूरा नहीं कराया. इसमें अधिकतर कार्य वर्ष 2010-11 व 2011-12 के है. स्थलीय सत्यापन के दौरान राशि गबन का मामला सामने आने पर विभाग में खलबली मच गयी. इसको गंभीरता से लेते हुए डीपीओ प्रारंभिक शिक्षा व सर्वशिक्षा अभियान नीता पांडेय ने बीइओ कटरा, कुढ़नी, मीनापुर, गायघाट व मोतीपुर को गबन के दोषी प्रधानाध्यापकों के खिलाफ संबंधित थाने में एफआइआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है.
राशि तय कर भेजी गयी थी नोटिस
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने पिछले साल ही भवन निर्माण की समीक्षा करने के बाद संबंधित प्रधानाध्यापकों पर गबन की राशि निर्धारित कर दी थी. राशि की वसूली के लिए सभी को नोटिस भेजा गया, जिसके बाद एक दर्जन प्रभारियों ने विभाग को राशि वापस कर दी. हालांकि, 17 प्रभारियों ने बार-बार चेतावनी के बाद भी रुपये को दबाये रखा है. इसके चलते उनके खिलाफ गबन के आरोप में एफआइआर दर्ज कराने का आदेश संबंधित बीइओ को दिया गया है.
इन स्कूलों में हुआ घोटाला
प्रखंड कटरा
उमवि नेउदी उर्दू (2010-11) 6.00 लाख
उमवि नेउदी उर्दू (2014-15) 23.76 लाख
मवि बरहेता (2011-12) 3.60 लाख
प्रखंड कुढ़नी
उमवि केशोपुर पोखर (2010-11) 2.40 लाख
मवि छाजन (2011-12) 3.60 लाख
मवि सिलौत (2011-12) 3.60 लाख
प्रखंड मीनापुर
प्रावि हरसेर चमार टोला (2010-11) 6.67 लाख
उमवि मेथनापुर (2010-11) 6.00 लाख
उमवि चकजमाल हिंदी (2011-12) 3.60 लाख
उमवि चतुरसी (2011-12) 3.60 लाख
प्रखंड गायघाट
उमवि रोसड़ा (2010-11) 10.38 लाख
प्रावि बेरुआ पश्चिम टोला (2014-15) 10.44 लाख
उमवि सुस्ता टोक (2014-15) 4.75 लाख
मवि काटा (2011-12) 3.60 लाख
मवि बेनीबाद उर्दू (2011-12) 3.60 लाख
मवि कुम्हरौल (2011-12) 3.60 लाख
प्रखंड मोतीपुर
मवि मानपुर (2011-12) 3.60 लाख
जिले के सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त वर्ग कक्ष व प्रधानाध्यापक कक्ष निर्माण के लिए अलग-अलग वित्तीय वर्षों में राशि निर्गत की गयी थी. 17 स्कूलों में राशि निकासी के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं कराया गया है. जांच के बाद संबंधित प्रभारियों को नोटिस भेज कर राशि वापस लौटाने का निर्देश दिया गया था. राशि जमा नहीं होने पर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए संबंधित बीइओ को कहा गया है.
नीता पांडेय, डीपीओ प्रारंभिक शिक्षा व सर्वशिक्षा अभियान
स्कूल भवन व एचएम कक्ष निर्माण का मामला
स्कूल भवन व एचएम कक्ष निर्माण का मामला
घोटाले के आरोपित 17 एचएम पर प्राथमिकी का आदेश
राशि निकासी के बाद भी शुरू नहीं कराया गया कार्य
वर्ष 2010-11 व 2011-12
के दौरान हुआ खेल

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