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सुबह से लगने लगी थी कतार

मुजफ्फरपुर : रीबनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए रविवार की सुबह से ही कांवरियों का तांता लग गया. सुबह से लेकर रात 8 बजे तक करीब 50 हजार कांवरियों ने जलाभिषेक किया. हालांकि प्रधान आरती के लिए रात 8 बजे एक घंटे के लिए गर्भ गृह बंद किया गया. प्रधान आरती में डीएम सहित कई […]

मुजफ्फरपुर : रीबनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए रविवार की सुबह से ही कांवरियों का तांता लग गया. सुबह से लेकर रात 8 बजे तक करीब 50 हजार कांवरियों ने जलाभिषेक किया. हालांकि प्रधान आरती के लिए रात 8 बजे एक घंटे के लिए गर्भ गृह बंद किया गया. प्रधान आरती में डीएम सहित कई आलाधिकारी मौजूद रहे. रात 9 बजे गर्भ गृह खोल दिया गया.
इसके बाद जलाभिषेक का सिलसिला दुबारा शुरू हुआ. रात 9 बजे तक छाता बाजार तक कांवरियों की पंक्तियां पहुंच चुकी थी. इसके बाद रात भर कांवरियों का तांता लगा रहा. सभी कांवरिये पंक्तिबद्ध होकर बाबा के दरबार में प्रवेश कर रहे थे. मंदिर में प्रवेश के साथ ही बोल बम का उद्घोष गूंजने लगता. कांवरियों को सहजता से जलार्पण के लिए मंदिर के अंदर पुलिस बल व स्वयंसेवक मौजूद थे. बाेल बम के जयकारा के साथ कांवरिये मंदिर में पंक्तिबद्ध प्रवेश करते व जलाभिषेक के बाद बाहर निकलते.
सेवा के लिए 727 स्वयंसेवक मौजूद
तीसरी सोमवारी को बढ़ती भीड़ का आकलन कर मंदिर प्रबंधन की ओर से 150 स्वयंसेवक बढ़ाये गये. पिछली सोमवारी में विभिन्न संगठनों से जुड़े 577 स्वयंसेवकों ने कांवरियों को नियंत्रित कर जलाभिषेक कराया था. लेकिन इस बार स्वयंसेवकों की संख्या 150 बढ़ा दी गयी थी. मंदिर के पुजारी पं विनय पाठक ने कहा कि सभी स्वयंसेवक मंदिर के अंदर से लेकर बाहर तक तैनात हैं. वे कांवरियों को नियंत्रित करने के साथ जलाभिषेक भी करा रहे हैं.
तीसरी सोमवारी पर फलों से होगा बाबा का महाशृंगार
महाशृंगार विभिन्न फलों से किया जायेगा. मंदिर के पुरोहित बाबा का विभिन्न प्रकार के फलों से शृंगार करेंगे. इससे पहले बाबा का षोडशोपचार पूजन किया जायेगा. मंदिर के पुजारी पं विनय पाठक ने कहा कि बाबा को विभिन्न तरह के फलों से सजाया जायेगा. इस दौरान गर्भ गृह बंद रहेगा. शृंगार के बाद बाबा का पट खोल दिया जायेगा.
कांवरियों से पटे रहे सार्वजनिक स्थान
कांवरियों के मुख्य ठहराव स्थल आरबीटीएस व आरडीएस कॉलेज सहित रामदयालु से लेकर पुरानी बाजार तक सभी सार्वजनिक स्थल पटे रहे. आरडीएस कॉलेज से हरिसभा रोड की तरफ महादेव मंदिर में पैर रखने की जगह नहीं थी.
इसके बाद एलएनटी कॉलेज परिसर में हजारों कांवरियों ने शरण ली थी. हरिसभा चौक के समीप लगे शिविरों के अलावा बंद दुकानों के आगे चादर बिछा कर कांवरिये बैठे थे. शेखर टाॅकिज का भी वही हाल था. इसका परिसर भी कांवरियों से भरा था. यहां तक की दीपक टाॅकिज के गंदी जमीन पर भी कांवरियों ने आश्रय लिया था. विद्या विवाह भवन, पोद्दार भवन, मां सविता विवाह भवन, सत्यनारायण मंदिर, साहू पोखर परिसर सहित अन्य स्थल कांवरियों से पटा हुआ था.

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