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निलंबन से पहले ही बढ़ा दिया था बहाली का आवेदन
मुजफ्फरपुर : कार्यशैली के लिए चर्चित निलंबित जमादार भगवान सिंह अपने निलंबन से पूर्व ही एसएसपी से बहाल होने की फरियाद कर दी थी. जमादार भगवान सिंह को जोनल आइजी पारसनाथ ने कर्तव्यहीनता व वरीय अधिकारियों के आदेश की अवहेलना में गत 30 मई को निलंबित कर दिया था. निलंबन मुक्त हाेने के लिए एसएसपी […]
मुजफ्फरपुर : कार्यशैली के लिए चर्चित निलंबित जमादार भगवान सिंह अपने निलंबन से पूर्व ही एसएसपी से बहाल होने की फरियाद कर दी थी. जमादार भगवान सिंह को जोनल आइजी पारसनाथ ने कर्तव्यहीनता व वरीय अधिकारियों के आदेश की अवहेलना में गत 30 मई को निलंबित कर दिया था. निलंबन मुक्त हाेने के लिए एसएसपी विवेक कुमार को दिये आवेदन में जमादार ने काफी लापरवाही बरती है. दिये गये आवेदन में दो मई की तिथि अंकित है. इतना ही नहीं निलंबन मुक्त होने के लिए डीजीपी व एसएसपी को दिये आवेदन में उन्होंने अधिकारियों को अलग-अलग गलत जानकारी भी दी है.
कर्तव्यहीनता के मामले में 30 को हुए निलंबित : जमादार सिंह को जोनल आइजी पारसनाथ ने 30 मई को कर्त्तव्यहीनता, स्वेच्छाचारिता, अनुशासनहीनता और वरीय अधिकारियों के आदेश का उल्लंघन करने के मामले में निलंबित कर दिया था. आइजी ने सदर थाना कांड संख्या 139/16, 222/16 व 146/16 की समीक्षा के लिए जमादार भगवान सिंह व थानाध्यक्ष वेदानंद मिश्रा को 29 मई को अपने कार्यालय में समीक्षा के दौरान उपस्थित होने के लिए निर्देशित किया था. लेकिन ये दोनों ही पुलिस पदाधिकारी उनके निर्देशों की अवहेलना की. समीक्षा बैठक में उपस्थित नहीं होने के कारण इन दोनों को आइजी ने अगले ही दिन 20 मई को निलंबित कर दिया.
निलंबन के बाद जमादार भगवान सिंह आरोप मुक्त होकर फिर से अपनी ड्यूटी पर बहाल होने के लिए डीजीपी व मुजफ्फरपुर एसएसपी विवेक कुमार को अावेदन दिया. एसएसपी को दिये आवेदन में उन्होंने आवेदन देने की तिथि दो मई अंकित कर दी है. भगवान सिंह का यह कारनामा उनकी स्वेच्छाचारिता व अनुशासनहीनता को स्पष्ट दरसाता है. अगर आवेदन में दी गयी तिथि को सही माना जाये, तो इसका मतलब है कि निलंबन के पूर्व ही उन्हें अपने ऊपर होनेवाली कार्रवाई की जानकारी थी. डीजीपी व एसएसपी ने इस मामले की जांच सिटी एसपी आनंद कुमार को दी है.
ड्यूटी थी बोचहां में, घूम रहे थे शहर में
डीजीपी व एसएसपी को दिये आवेदन में जमादार भगवान सिंह ने समीक्षा बैठक में नहीं पहुंचने का कारण चुनाव ड्यूटी में व्यस्त होना बताया है. पंचायत चुनाव के दशम चरण में जमादार भगवान सिंह की ड्यूटी जिला प्रशासन ने बोचहां में लगायी थी. इन्हें सशस्त्र दल का प्रभारी बनाते हुए बोचहां की बूथ संख्या- 83,88,89,90, मतदान भवन खालिकपुर मध्य विद्यालय, मध्य विद्यालय रापेरुपे रामपुर जयपाल पश्चिमी भाग, मध्य भाग व पूर्वी भाग की मतपेटिकाओं एवं मतपत्रों की आपूर्ति करने व बूथ संख्या 88,89,90 पर स्टैटिक का कार्य करने का आदेश निर्गत किया था. लेकिन दामुचौक के एक व्यक्ति ने डीजीपी को आवेदन देकर उनकी चुनाव ड्यूटी में होने के दावे की भी पोल खोल दी है. डीजीपी को दिये आवेदन में उक्त व्यक्ति ने जमादार भगवान सिंह के चुनाव ड्यूटी में भी लापरवाही बरतने का सबूत पेश कर दिया है. उसके के अनुसार भगवान सिंह 28 मई से लेकर 29 मई की दोपहर दो बजे तक सदर थाना के भगवानपुर यादव नगर और अहियापुर थाना के दादर मुहल्ले में होने का डाॅक्यूमेंटरी सबूत दे दिया है. जब आश्चर्य की बात तो यह है कि जब जमादार भगवान सिंह 29 मई को शहर के भगवानपुर से लेकर अहियापुर के दादर मुहल्ले में थे, तो उनकी जगह चुनाव में और कौन विधि व्यवस्था की ड्यूटी कर रहा था. इस पूरे मामले की जांच भी सिटी एसपी आनंद कुमार ही कर रहे हैं. अगर इस मामले की पूरी जांच हो जाये तो उनकी कई लापरवाही सामने आ जायेगी.
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