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बोर्ड ने लगायी थी पांच साल की रोक, बाद में हटा ली

राजदेव राय डिग्री कॉलेज के स्नातक पर लगी थी रोक नकल नहीं करने देने पर छात्रों ने किया था हंगामा व तोड़फोड़ जमुनीलाल कॉलेज हाजीपुर में पड़ा था सेंटर छात्रों की मजबूरी का हवाला देकर हटायी थी रोक मुजफ्फरपुर : राजदेव राय डिग्री कॉलेज, जिसके संचालक डॉ अमित कुमार उर्फ बच्चा राय हैं. उनकी पकड़ […]

राजदेव राय डिग्री
कॉलेज के स्नातक पर लगी थी रोक
नकल नहीं करने देने पर छात्रों ने किया था
हंगामा व तोड़फोड़
जमुनीलाल कॉलेज हाजीपुर में पड़ा था सेंटर
छात्रों की मजबूरी का हवाला देकर हटायी थी रोक
मुजफ्फरपुर : राजदेव राय डिग्री कॉलेज, जिसके संचालक डॉ अमित कुमार उर्फ बच्चा राय हैं. उनकी पकड़ बीआरए बिहार विवि में भी रही है. यहां भी उनके कॉलेज को लेकर फैसले बदलते रहे हैं.
2012 में राजदेव राय डिग्री कॉलेज का स्नातक का सेंटर जमुनीलाल कॉलेज हाजीपुर में पड़ा था, तब यहां के छात्रों ने नकल करने को लेकर तोड़फोड़ व हंगामा किया था, जिसका मामला तत्कालीन परीक्षा बोर्ड के सामने आया था. उस समय डॉ रवि वर्मा कुलपति और परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिंह थे. बोर्ड ने कॉलेज की स्नातक परीक्षाओं को अगले पांच साल तक विवि मुख्यालय में कराने का फैसला लिया, लेकिन कुछ महीने में ही छात्रों की परेशानी का हवाला देकर फैसले को वापस ले लिया गया. यानी जिस परीक्षा बोर्ड ने रोक लगायी थी, उसी ने रोक हटा ली. विवि सूत्रों का कहना है कि तब जमुनीलाल कॉलेज के प्राचार्य की ओर से शिकायत की गयी थी, जिसमें कहा गया था कि उन पर परीक्षा के दौरान नकल करने देने का दबाव बनाया जा रहा है. इसमें राजदेव राय डिग्री कॉलेज के छात्रों के साथ वहां का प्रबंधन भी शामिल है. इसको लेकर उन्होंने लिखित शिकायत की थी. मामला गंभीर होने की वजह से इसे परीक्षा बोर्ड में भेजा गया था.
क्लर्क ने किया था परीक्षा नियंत्रक पर केस
जिस समय राजदेव राय डिग्री कॉलेज की स्नातक परीक्षा को मुख्यालय में लेने का फैसला लिया गया था. उस समय वहां का क्लर्क विवि में कॉलेज की बात रखने के लिए आया था. इसी दौरान उसकी तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार सिंह से कहा-सुनी हुई थी, जिसको लेकर उसने हरिजन एक्ट का केस किया था. बाद में पुलिस जांच के दौरान हरिजन एक्ट तो खत्म हो गया था, लेकिन मामला अभी तक कोर्ट में लंबित है.
पत्रकार बन सीनेट की बैठक में गया था बच्चा
2012 में बीआरए बिहार विवि के सीनेट की बैठक हो रही थी, जिसमें बच्चा राय के आधा दर्जन कॉलेजों की संबद्धता पर विचार होना था, तब वो पत्रकार दीर्घा में जाकर बैठ गया था. उसने खुद को एक पत्रिका का संपादक बताया था. इसी दौरान सीनेट के सदस्यों ने बच्चा राय की मौजूदगी पर सवाल उठाया, तो तत्कालीन कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला ने जबरन बच्चा राय को बैठक से बाहर निकलवा दिया था.
विवि अफसरों के बच्चे भी पढ़े हैं कॉलेज में
बच्चा राय पर विवि के कुछ अधिकारी ऐसे ही मेहरबान नहीं रहे हैं. जांच में इनके नाम भी सामने आ सकते हैं. इन अधिकारियों के बच्चों ने बच्चा राय के कॉलेज में पढ़ाई की और अच्छे नंबरों से पास किया. इनमें इंटर से लेकर बीएड तक की पढ़ाई करनेवाले हैं. इनमें कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं, जो विवि के फैसले लेने में शामिल रहे हैं.

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