मुजफ्फरपुर : अगर आप बाजार से खुला मसाला खरीद कर खाते हैं, तो आपके लिए बुरी खबर है. हो सकता है, जो मसाला आप खा रहे हैं, वो मिलावटी हो, क्योंकि मसालों में मिलावट का खेल शहर में बड़े पैमाने पर चल रहा है. अभी तक मिलावट के बारे में बड़े शहरों से खबरें आती […]
मुजफ्फरपुर : अगर आप बाजार से खुला मसाला खरीद कर खाते हैं, तो आपके लिए बुरी खबर है. हो सकता है, जो मसाला आप खा रहे हैं, वो मिलावटी हो, क्योंकि मसालों में मिलावट का खेल शहर में बड़े पैमाने पर चल रहा है. अभी तक मिलावट के बारे में बड़े शहरों से खबरें आती थीं, लेकिन इस बार हम-आपके बीच से मिलावट की बात सामने आयी है. अभी तक इसको लेकर चर्चा होती थी, लेकिन जिस तरह की तस्वीरें सामने आयी हैं.
वो हैरान करनेवाली हैं. कैसे मसालों के नाम पर हमें कुछ भी खिला दिया जा रहा है. इस गोरखधंधे में बड़े-बड़े नाम शामिल हैं. शहर के बीचोबीच गोला मंडी में ये धंधा चल रहा है, लेकिन खाद्य जांच विभाग को कानो-कान इसकी खबर नहीं है.बाजार के विश्वासनीय सूत्रों पर विश्वास करें, तो ये काम शहर में चार से पांच जगह पर किया जाता है. इससे जुड़े अधिकारी कर्मचारियों की कमी का रोना रो रहे हैं. पूछने पर कहते हैं कि जल्द ही छापेमारी की जायेगी.
गुंटूर से आती है फटकन. आंध्र प्रदेश के गुंटूर में एशिया की सबसे बड़ी मिर्च की मंडी लगती है. वहां से ट्रकों में भर कर बाजार की फटकन आती है, जिसको मिला कर मिर्च पाउडर तैयार किया जाता है. ट्रकों से फटकन आने के बाद भी खाद्य विभाग के अफसरों को इसकी खबर नहीं हो पाती है.
10-15 फीसदी जलन. मसालों को बारीक पीसा जाता है. ऐसे में पीसने के दौरान 10-15 फीसदी तक मसाला कम हो जाता है. अगर कोई खड़ा मसाला 100 किलो होता है, तो उसमें पिसा मसाला 85 से 90 किलो के बीच निकलता है.
मुजफ्फरपुर में मिलावट का चल रहा खेल
50 फीसदी तक मिलावट . बाजार के जानकारों का कहना है कि मसालों में 50 फीसदी तक मिलावट की जाती है. जिन स्थितियों में ये मिलावट होती है, वह भी भयावह है. वहां किसी तरह की शुद्धता का ख्याल नहीं किया जाता. जो मजदूर ये काम करते हैं, वो चप्पल पहन कर मसालों के आसपास व उसके बीच में चलते रहते हैं. उसी को बाद में बाजार में भेज दिया जाता है.
क्या-क्या हैं मिलाते
कुन्नी (लकड़ी का बुरादा)
मिर्च मंडी की फटकन Àगेहूं की भूसी
खेसारी
मक्का व चावल की खुद्दी Àपपीता का बीज
चूड़ा की भूसी
ईंट का चूरा
खतरनाक रंग
हर घर में होता
है प्रयोग
मसाले का प्रयोग हर घर में होता है. लोग इस विश्वास से मसाला खाते हैं कि ये शुद्ध होगा और इसमें मिलावट नहीं होगी, लेकिन इसमें हमारे साथ छल होता है. चाहे कई तरह की बीमारियों की दवा मानी जानेवाली हल्दी की बात हो या फिर धनिया पाउडर की बात या फिर मिर्च की बात. सबमें मिलावट होती है.