मुजफ्फरपुर: बिजली आवंटन में हुई अचानक कटौती से जिले के लोगों पर इन दिनों दोहरी मार पड़ रही है. तपती गरमी के बीच जलस्तर के नीचे जाने से लोग पहले से ही परेशान हैं. पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस बीच अचानक हुई बिजली आवंटन में कटौती से लो वोल्टेज की गंभीर समस्या […]
मुजफ्फरपुर: बिजली आवंटन में हुई अचानक कटौती से जिले के लोगों पर इन दिनों दोहरी मार पड़ रही है. तपती गरमी के बीच जलस्तर के नीचे जाने से लोग पहले से ही परेशान हैं. पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस बीच अचानक हुई बिजली आवंटन में कटौती से लो वोल्टेज की गंभीर समस्या ने लोगों को रुलाना शुरू कर दिया है. इसका सबसे ज्यादा असर भिखनपुरा ग्रिड से सप्लाई होने वाले शहरी इलाके में देखने को मिल रहा है. लो-वोल्टेज के चलते शहरवासी काफी परेशान हैं.
लोगों को बिजली रहते हुए रतजगा करना पड़ रहा है. वोल्टेज कम होने से एसी, रेफ्रिजेटर व मोटर की बात तो दूर, कूलर व पंखे भी सही तरीके से नहीं चल रहे हैं. इससे बेहाल शहरवासी बिजली वितरण कंपनी एस्सेल से शिकायत कर रहे हैं, लेकिन एस्सेल कंपनी पर शिकायत का कोई असर नहीं दिख रहा है. इससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है.
तीन साल में भी मजबूत नहीं हो सका अर्थिंग :शहर समेत जिले के आठ प्रखंडों में विद्युत सप्लाई की जिम्मेदारी संभालने के बाद विद्युत वितरण कंपनी एस्सेल तीन साल पहले अर्थिंग को ठीक करने की प्रक्रिया शुरू की थी. शहर व ग्रामीण क्षेत्र के कुछ इलाके में काम भी किया गया, लेकिन अभी भी अधिकांश मुहल्ला ऐसे हैं जिनमें अर्थिंग काफी कमजोर है. चक्कर चौक व मैदान जैसे महत्वपूर्ण इलाके के अर्थिंग को भी एस्सेल अबतक सही नहीं कर पाया है. जबकि, इसके आसपास में प्रमंडलीय आयुक्त, डीआइजी आवास के साथ-साथ सेना की छावनी एवं क्वाटर्स व सर्किट हाउस है. एस्सेल का दफ्तर भी इसी इलाके में पड़ता है, लेकिन लोगों को कमजोर अर्थिंग के कारण रात भर गरमी के कारण जगना पड़ रहा है.
डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर का अर्थिंग वैल्यू कम होने से परेशानी
डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर का अर्थिंग वैल्यू कम होने से पीक आवर में अचानक वोल्टेज नीचे चला जाता है. तकनीकी जानकारों की माने तो ट्रांसफॉर्मर की अर्थिंग की गहराई कम होने से जलस्तर के नीचे जाने पर इस तरह की समस्या अमूमन हो जाती है. इसे ठीक करने के लिए अर्थिंग में पानी व नमक डालने की आवश्यकता रहती है, लेकिन ऐसा नहीं किया जाता है. इस कारण इसका सीधा असर बिजली उपभोक्ता के ऊपर पड़ता है. यही कारण है कि रात्रि में सड़कों पर लगे स्ट्रीट व हाइ मास्ट लाइट के जलने के साथ जब एक साथ सभी घरों में एसी, कूलर व पंखा चलना शुरू होता है, तब इस तरह की परेशानी बढ़ जाती है.