इसके बाद ‘चंपारण सत्याग्रह और बुद्धजीवियों की भूमिका’ पर गोष्ठी पर चर्चा हुई. पूर्व सांसद व प्रो रामजी सिंह ने कहा कि बिहार के युवाओं ने जेपी आंदोलन की क्रांति के बल पर पूरे देश में क्रांति ला दी थी. आज उसी बिहार के युवा बेहतर शिक्षा के लिए भटक रहे हैं. गौरवशाली इतिहास को कभी नहीं भूलना चाहिए. चंपारण सत्याग्रह हमारा गौरवशाली इतिहास रहा है.
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बोलने पर हो जाता है राजद्रोह का मुकदमा दर्ज
मुजफ्फरपुर: एलएस कॉलेज में सोमवार को चंपारण सत्याग्रह की शताब्दी समारोह पर बिट्ठल भाई झावेरी की फिल्म प्रदर्शित हुई. इसमें ब्रिटिश हुकूमत कैसे किसानों को प्रताड़ित करता था. किस तरह गांधी जी के सत्याग्रह की आगे ब्रिटिश सरकार को झुक कर कानून को बदलना पड़ा. इससे लोग रूबरू हुए. इसके बाद ‘चंपारण सत्याग्रह और बुद्धजीवियों […]
मुजफ्फरपुर: एलएस कॉलेज में सोमवार को चंपारण सत्याग्रह की शताब्दी समारोह पर बिट्ठल भाई झावेरी की फिल्म प्रदर्शित हुई. इसमें ब्रिटिश हुकूमत कैसे किसानों को प्रताड़ित करता था. किस तरह गांधी जी के सत्याग्रह की आगे ब्रिटिश सरकार को झुक कर कानून को बदलना पड़ा. इससे लोग रूबरू हुए.
सत्याग्रह कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं था. ब्रिटिश सरकार का किसानों के पर नील बोने का दबाव था. चंपारण सत्याग्रह ने लोगों को बोलने की आजादी दिलाई. वही उन्होंने जेएनयू मुद्दे पर भी तंज कसते हुए कहा कि यहां बोलने की आजादी पर भी राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हो जाता है. अंत में उन्होंने एलएस कॉलेज में चंपारण सत्याग्रह पर एक विषय व शोध शुरु करने की सलाह भी दी.
पूर्व कुलपति नार्थ इस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी शिलांग प्रो एमएन कर्ण ने कहा कि समाज व देश की समस्याओं को अपने बुद्धि का विश्लेषण कर समाज को आगे ले जाए, वही बुद्धिजीवी हैं. गांधी वैकल्पिक विचारों के साथ आए थे. गांधी के विचारों ने सत्याग्रह को धार दी. राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के निदेशक डॉ ए अन्ना मलाई ने कहा कि सौभाग्यशाली हूं, जो मुझे एलएस कॉलेज में तमिलनाडु से आने का मौका मिला. भारतीय स्वतंत्रता में भी चंपारण सत्याग्रह की भूमिका विशेष रही है. बताया कि तमिलनाडु से भी उनका काफी गहरा रिश्ता रहा है.
अर्थशास्त्र विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो रामविनोद सिंह ने कहा कि गांधी जी को चंपारण सत्याग्रह ने पूरे देशवासियों से परिचय कराया. ब्रिटिश सरकार चार पिलरों में ब्रिटिश आर्मी, नौकरशाही, जमींदारी और यूनिवर्सिटी मानती थी. लेकिन गांधी जी इसके विरोधी थे. एलएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ उपेंद्र कुंवर ने अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए चंपारण सत्याग्रह अपने विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम का संचालन शिक्षक डॉ प्रमोद कुमार, डॉ सतीश कुमार, डॉ हरेंद्र कुमार, डॉ ललित कुमार सहित सभी शिक्षक मौजूद रहे.
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