मुजफ्फरपुर: राशि के लिए केआरपी व प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक (बीपीसी)में ठन गई है. प्रशिक्षण की राशि खर्च करने के लिए साक्षरता कार्यक्रम में लोग असहयोग की बात कर रहे हैं. प्रखंडों में चल रहे कार्यक्रम की राशि नहीं मिलने से बीपीसी काफी नाराज है. ट्रेनिंग कार्यक्रम में बीपीसी भाग नहीं ले रहे हैं. विवाद के कारण एक जनवरी से पंचायतों में शुरू होने वाले साक्षरता कार्यक्रम पर असर पड़ने की उम्मीद है.
लोक शिक्षा समिति दोनों में सुलह कराने में जुटी है. मीनापुर, पारू, साहेबगंज व सरैया प्रशिक्षण में प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक का सहयोग नहीं मिला. बीपीसी प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण में भाग नहीं लिये. केआरपी का दावा है राज्य स्तरीय अधिकारियों से प्रशिक्षण लेकर आये हैं. वहीं प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक की नियुक्ति शिक्षा विभाग व लोक शिक्षा समिति ने की थी. दोनों अपने-अपने दावों को लेकर विवादों में उलङो हैं. विभागीय अधिकारियों के अनुसार दो पंचायत पर एक एमटी कार्य कर रहे हैं. केआरपी एमटी को ट्रेनिंग दे रहे हैं. एमटी चार पंचायत के वीटी को प्रशिक्षण देंगे. एक वीटी 10 व्यक्ति को प्रशिक्षण देंगे.
वीटी मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाला परीक्षार्थी होगा. विभाग ने प्रशिक्षण के बाद वीटी को पठन-पाठन शुरू करने के लिए कॉपी, कलम व किताब दे दिया है. एक पंचायत में दो एमटी व आठ वीटी कार्य करेंगे. इसी बीच विभाग ने दावा किया है कि नये वर्ष में एक पंचायत में 10 केंद्र शुरू किये जायेंगे. एक केंद्र पर 10 महिला व पुरुष प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे. यानी 38600 नये लोग साक्षर बनने के लिए प्रयास करेंगे.