मुजफ्फरपुर: मनुष्य का व्यक्तित्व तीन चीजों पर निर्भर करता है- माता-पिता का संस्कार, वातावरण का प्रभाव व अच्छी किताबों का अध्ययन. पर वर्तमान में युवा इन तीनों चीजों से दूर हो रहा है, जिससे वह गलत रास्ते की ओर अग्रसर हो रहा है. युवाओं की सोच बदलने की जरूरत है, उनका कर्म खुद-ब-खुद बदल जायेगा.
यह बातें लंगट सिंह कॉलेज के प्राचार्य डॉ अमरेंद्र नारायण यादव ने कही. वे गुरुवार को एमपीएस साइंस कॉलेज में बाबा आम्टे सेंटर फॉर पर्सनालिटी डेवलपमेंट के तत्वावधान में आयोजित बाबा आम्टे के 100वें जन्मदिवस समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे.
उन्होंने युवाओं से बाबा आम्टे की तरह त्याग व समाज कल्याण की भावना को आत्मसात करने का आह्वान किया. संस्था के संरक्षक जेपीएन देव ने कहा, आदमी चांद पर तो जा रहा है, पर समाज से उतना ही दूर जा रहा है. युवाओं में दलितों व कुष्ठ रोगियों की सेवा का भाव खत्म हो गया है. पर युवा आकांक्षाओं के फूल हैं. जरूरत इन फूलों को खिलने का अवसर प्रदान करना है.
डॉ अरुण कुमार ने बाबा आम्टे को गांधी जी की हजारों बाहों में से एक बताया. समारोह में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. विषय था- स्वच्छ राजनीति में युवाओं की भूमिका. प्रथम स्थान सलोनी, द्वितीय स्थान राज
कुमार व तृतीय स्थान संजीत कुमार को प्राप्त हुआ.
मौके पर लघु नाटक ‘भ्रूण हत्या आखिर कौन?’ व गीतों के माध्यम से युवाओं को प्रेरित किया गया. मंच संचालन संस्था अध्यक्ष रामबाबू व धन्यवाद ज्ञापन अंकित कुमार ने किया. समारोह में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा, ज्योति नारायण सिंह, डॉ अमरनाथ शर्मा, डॉ हरेंद्र कुमार व सुमेश्वर दूबे ने भी अपने विचार रखे.