ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल ने अनुबंध दस्तावेज निष्पादित किये बिना स्पाइडर प्रोटेक्शन सर्विस प्राइवेट लिमिटेड मुजफ्फरपुर को 41.38 लाख, मेधा पेरीफेरल्स मुजफ्फरपुर को 4.46 लाख, आयुष इंटरप्राइजेज मुजफ्फरपुर को 5.50 लाख और स्वाति इंटरप्राइजेज मुजफ्फरपुर को 4.16 लाख रुपये का भुगतान किया गया. मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने बिना सुविधा दिये ही इन स्थानों का भुगतान किया गया है.
जब इन लोगों से स्पष्टीकरण पूछा गया तो अधीक्षक ने बताया कि वर्णित सभी कार्यों के लिए निविदा प्रक्रियाधीन है. लेखा परीक्षा आपत्ति के अनुसार एकरारनामा की कार्रवाई की जा रही है. महालेखाकार इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ. जबकि नियम कुछ और कहता है. किसी भी तरह का काम एक समझौते के निष्पादन किये बिना नहीं करना चाहिए. ठेकेदार द्वारा सभी लागू करों के भुगतान प्रावधान में शामिल करना चाहिए. सभी ठेकेदार की ओर से चूक के लिए नष्ट नुकसान की वसूली के लिए एक प्रावधान करना शामिल है.