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पहले फांसी, फिर उम्रकैद, अब बरी

ऋषभ हत्याकांड. हाइकोर्ट ने पलटा िनचली अदालत का फैसला पटना/मुजफ्फरपुर : बोचहां के बहुचर्चित ऋषभ हत्याकांड में तीनों दोषियों को हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. तीनों को संदेह के आधार पर बरी कर दिया गया है. साथ ही कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव को भी अपने फैसले का आधार बताया है. फैसला न्यायाधीश अंजना […]

ऋषभ हत्याकांड. हाइकोर्ट ने पलटा िनचली अदालत का फैसला
पटना/मुजफ्फरपुर : बोचहां के बहुचर्चित ऋषभ हत्याकांड में तीनों दोषियों को हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. तीनों को संदेह के आधार पर बरी कर दिया गया है. साथ ही कोर्ट ने साक्ष्यों के अभाव को भी अपने फैसले का आधार बताया है. फैसला न्यायाधीश अंजना प्रकाश व आरके मिश्र की खंडपीठ ने सुनाया.
आठ अगस्त 2006 को अगवा करने के बाद चार साल के मासूम ऋषभ की हत्या कर दी गयी थी. उसका शव आरोपितों के घर पर छज्जे से मिला था.
ऋषभ हत्याकांड में अब तक तीसरी बार फैसला बदला है. पहले मुजफ्फरपुर के तत्कालीन अपर सत्र न्यायाधीश-तृतीय अरुण कुमार सिंह की अदालत ने तीन भाइयों को फांसी की सजा, जबकि एक दोषी को उम्र कैद दिया था.
सजा 25 मई 2012 को सुनायी गयी थी. इसके बाद दोषियों की ओर से हाइकोर्ट में अपील की गयी थी. हाइकोर्ट के निर्देश पर 23 मई 2014 को तत्कालीन अपर सत्र न्यायाधीश-तृतीय रामाशंकर सिंह की अदालत ने तीनों भाइयों को उम्रकैद की सजा सुनायी थी. तीनों को मरते दम तक उम्रकैद की सजा व दो-दो लाख रुपये का जुर्माना किया गया था. इससे पहले मामले में फांसी की सजा पाया चंदन चौधरी फरार हो गया था. उसे पुलिस दूसरे मामले में पेशी के लिए दिल्ली ले गयी थी. वापस लौटते समय वो बक्सर के पास ट्रेन से फरार हो गया था, जबकि कृष्णा चौधरी पहले से ही फरार है. मामले में आरोपित रहे घनश्याम चौधरी की मौत हो चुकी है.
निचली अदालत की सजा के खिलाफ दोषियों की ओर से हाइकोर्ट में अपील की गयी थी. निचली अदालत के फैसले को राधेश्याम की ओर से चुनौती दी गयी थी. इसी पर 30 जनवरी को न्यायाधीश अंजना प्रकाश व आरके मिश्र की खंडपीठ ने फैसला सुनाया. पीठ ने अपने फैसले में उम्रकैद की सजा पाये तीनों भाइयों को बरी कर दिया. इसका आधार गवाहों के बयान में विरोधाभास को बताया गया. साथ ही मामले में साक्ष्यों का अभाव भी कोर्ट ने पाया. इसी का लाभ आरोपितों को मिला और वो बरी हो गये. इस मामले में ऋषभ के माता-पिता की प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है.
आखिर किसने की ऋषभ की हत्या?
चर्चित ऋषभ हत्याकांड में आरोपितों के बरी होने के बाद एक बड़ा सवाल उठा है. आखिर किसने चार साल के मासूम की हत्या की थी? क्या जिसने हत्या की, उसे सजा मिलेगी. ऋषभ के माता-पिता के उस संकल्प का क्या होगा, जिसमें उन्होंने मामले के दोषियों को अंतिम सांस तक सजा दिलाने की बात कही थी.
दो बजे दिन में घर से गये दिलीप
30 जनवरी को दिन में दो बजे ऋषभ के पिता दिलीप चौधरी व मां अर्चना घर से बाहर निकल गये. आसपास के लोगों का कहना है कि दोनों बहुत घबराये हुये थे. इन्होंने किसी से कुछ नहीं कहा और यह भी नहीं बताया कि कहां जा रहे हैं. वहीं, दिलीप के घर में उनकी बूढ़ी मां व दुकान का एक कर्मचारी है. इन लोगों से जब संपर्क किया गया, तो दोनों ने कहा कि हमें पता नहीं है कि दिलीप और अर्चना कहां गये हुये हैं.

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