आलम यह है कि अभी भी काफी संख्या में किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिली है. यही स्थिति डीजल अनुदान, बाढ़ राहत के खाद्यान्न, अग्निपीड़ित मद की है. आपदा के लिए खर्च हुई राशि का लेखा-जोखा भी नहीं है. बीडीओ व सीओ उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दे रहे हैं. इधर वित्तीय साल समाप्त होने में दो महीने बचे हैं. उपयोगिता प्रमाण पत्र के लिए आपदा प्रशाखा बार-बार बीडीओ व सीओ को रिमाइंडर कर रहा है. राशि खर्च नहीं होने पर विभाग को सरेंडर करना पड़ेगा.
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खजाने में 150 करोड़ राहत के लिए टकटकी
मुजफ्फरपुर:आपदा पीड़ितों के लिए इस साल विभाग ने दो अरब से अधिक राशि आवंटित किया. लेकिन अधिकारी व बाबूओं की सुस्ती के कारण आपदा पीडितों को समय पर राहत की राशि व अनाज नहीं मिल पाये. फसल क्षति मुआवजा मद में सबसे अधिक राशि 68 करोड़ मिले. मुआवजा वितरण का काम भी छह महीने से […]
मुजफ्फरपुर:आपदा पीड़ितों के लिए इस साल विभाग ने दो अरब से अधिक राशि आवंटित किया. लेकिन अधिकारी व बाबूओं की सुस्ती के कारण आपदा पीडितों को समय पर राहत की राशि व अनाज नहीं मिल पाये. फसल क्षति मुआवजा मद में सबसे अधिक राशि 68 करोड़ मिले. मुआवजा वितरण का काम भी छह महीने से चल रहा है.
योजना मद राशि
कृषि इनपुट 68 करोड़
अग्नि 7.33 लाख
विकलांग 80 लाख
भूकंप अनुदान 30 हजार
बाढ़ राहत खाद्यान्न 80 लाख
जनसंख्या निस्क्रमण 1.43 करोड़
बाढ़ प्रभावित 27 लाख
भूकंप मृत 32 लाख
वज्रपात 1.50 लाख
गैर प्राकृतिक आपदा 3 लाख
नाव क्रय 40 लाख
टेंट क्रय 35 लाख
विज्ञापन प्रकाशन 2 लाख
जागरूकता ट्रेनिंग 9.89 लाख
सामान्य प्रशिक्षण आपदा 26.88 लाख
डीजल अनुदान 12 करोड़
दूधारू पशु 49 हजार
शीतलहर 1.5 लाख
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