निरीक्षण की शुरुआत सुबह 7:50 से ही शुरू हुई. उस समय सेल्फ फाइनेंस के तहत चलाये जा रहे कॉमर्स की कक्षा चलनी थी. लेकिन जब प्राचार्या कक्षा में पहुंची तो एक भी शिक्षक मौजूद नहीं थे. इसके बाद तत्काल दोनों रिसोर्स पर्सन नीतेश कुमार व पंकज पुरुषोत्तम को फोन किया गया. वे करीब आधा घंटा बाद पहुंचे. उन्होंने बाइक की टायर पंक्चर हो जाने के कारण देरी से आने की बात कही. इसके बाद प्राचार्या ने सुबह 9:50 बजे औचक निरीक्षण किया. वह सर्वप्रथम टीचर्स रूम गयी. वहां कोई मौजूद नहीं था. इसके बाद वह बारी-बारी से मनोविज्ञान, अंग्रेजी, इतिहास, दर्शनशास्त्र व हिंदी की कक्षाओं में गयी. अधिकांश जगह गिनी-चुनी छात्राएं थी, लेकिन शिक्षिका एक भी नहीं थी. हालांकि बीस मिनट बाद हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ पूनम सिंह खुद हिंदी की कक्षा लेनी पहुंची.
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औचक निरीक्षण में नहीं मिलीं शिक्षिकाएं, हेड से शोकॉज
मुजफ्फरपुर: एमडीडीएम कॉलेज में बायोमैट्रिक सिस्टम से हाजिरी शुरू करने को लेकर विवाद फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है. कॉलेज शिक्षक संघ की ओर से मोरचा खोले जाने के एक दिन बाद प्राचार्या डॉ ममता रानी ने बुधवार की सुबह क्लास रूम का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान अधिकांश क्लास रूम से शिक्षिकाएं नदारद दिखीं. […]
मुजफ्फरपुर: एमडीडीएम कॉलेज में बायोमैट्रिक सिस्टम से हाजिरी शुरू करने को लेकर विवाद फिलहाल थमता नहीं दिख रहा है. कॉलेज शिक्षक संघ की ओर से मोरचा खोले जाने के एक दिन बाद प्राचार्या डॉ ममता रानी ने बुधवार की सुबह क्लास रूम का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान अधिकांश क्लास रूम से शिक्षिकाएं नदारद दिखीं. प्राचार्या ने इस मामले में सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिख कर कक्षा समय पर नहीं शुरू होने का कारण पूछा है. डॉ ममता रानी के अनुसार, देर शाम तक कुछ विभागाध्यक्षों ने अपना जवाब भेज भी दिया है. शेष के जवाब का इंतजार किया जा रहा है.
दबाव बनाना चाह रही हैं प्राचार्या : डॉ विनीता
इधर, कॉलेज शिक्षक संघ की सचिव डॉ विनीता झा ने औचक निरीक्षण को दबाव बनाने का हथकंडा बताया. उन्होंने कहा, गुरुवार से क्रिसमस व नये साल की छुट्टियां शुरू हो रही हैं. अधिकांश छात्राएं घर जा चुकी हैं. वहीं अधिकांश शिक्षक मूल्यांकन कार्य में व्यस्त हैं. कुछ शिक्षिकाएं कैजुअल लीव में हैं. यह जानते हुए भी जानबूझ कर औचक निरीक्षण किया गया. बाद में प्राचार्या व शिक्षक संघ के बीच वार्ता में भी यह मामला उठा. संघ ने एक बार फिर बिना कुलपति की मंजूरी के कॉलेज में बायोमैट्रिक सिस्टम लगाये जाने का विरोध किया. वहीं प्राचार्या ने इसे कॉलेज का नीतिगत मामला बताते हुए हर हाल में इसे शुरू करने की बात पर अड़ी रहीं. तय हुआ की दो से सात जनवरी के बीच इस मुद्दे पर प्राचार्या व शिक्षक संघ की फिर से वार्ता होगी. उसके आधार पर ही कोई निर्णय लिया जायेगा.
बुस्टा का भी मिला समर्थन. इधर, बुस्टा महासचिव डॉ अरुण कुमार सिंह ने भी बिना कुलपति की मंजूरी के कॉलेज में बायोमैट्रिक सिस्टम लगाये जाने पर आपत्ति जतायी है. उन्होंने कहा, यदि इसे लागू किया जाना है तो पूरे विवि स्तर पर एक साथ लागू किया जाना चाहिए.
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