एक साल में चार बंदियों की मौत जेल में हुईमुजफ्फरपुर. शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में एक साल के अंदर चार बंदियों की मौत हो चुकी है. इनमें तीन बंदियों ने जेल के अंदर फांसी लगाकर अपनी जान दी, जबकि एक बंदी की जेल के अंदर संदिग्ध स्थित में मौत हुई है. इस साल सबसे पहले जेल के अंदर मोटर पंप हाउस में संजीव कुमार नामक बंदी ने फांसी लगा अपनी जान दी थी. खोजबीन के दौरान ही बंदी को पंप हाउस में लटके पाया गया था. इसके बाद भाग्य राशन मांझी ने पीपल के पेड़ से लटक कर अपनी जान दी थी. भाग्य राशन की मौत पर बंदियों ने जेल प्रशासन पर सवाल उठाया था. बंदियों ने जेल के अंदर बवाल भी किया था. इसमें जेल प्रशासन को बंदियों पर काबू पाने के लिए हूटर (पगली घंटी) बजाकर सख्ती बरती गयी थी. भाग्य राशन मांझी की मौत के बाद एक बार फिर जेल प्रशासन पर सवाल उस वक्त उठा जब मो अकबर की मौत जेल के अंदर हो गयी. जेल प्रशासन पर अकबर के परिजनों ने आरोप लगाया कि पिटाई के कारण जेल में उसकी मौत हुई थी. अकबर की मौत के मामले में जेलर पर प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी है. अकबर की मौत की न्यायिक जांच अभी चल ही रही है कि मो समीर ने पेड़ से लटक कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.
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एक साल में चार बंदियों की मौत जेल में हुई
एक साल में चार बंदियों की मौत जेल में हुईमुजफ्फरपुर. शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में एक साल के अंदर चार बंदियों की मौत हो चुकी है. इनमें तीन बंदियों ने जेल के अंदर फांसी लगाकर अपनी जान दी, जबकि एक बंदी की जेल के अंदर संदिग्ध स्थित में मौत हुई है. इस साल सबसे […]
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