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गेहूं व मक्का की बोआई का बेहतर समय

गेहूं व मक्का की बोआई का बेहतर समय खेती- किसानीबीजों का उपचार कर करें बोआई अनुशंसित दुकानों से ही करें खरीदारी चना बीज बोआई से पूर्व करें उपचारित मसूर की बोआई अब करें संपन्न वरीय संवादददता, मुजफ्फरपुर गेहूं व मक्का की बोआई का बेहतर समय चल रहा है. किसान अभी खेतों की तैयारी कर बीज […]

गेहूं व मक्का की बोआई का बेहतर समय खेती- किसानीबीजों का उपचार कर करें बोआई अनुशंसित दुकानों से ही करें खरीदारी चना बीज बोआई से पूर्व करें उपचारित मसूर की बोआई अब करें संपन्न वरीय संवादददता, मुजफ्फरपुर गेहूं व मक्का की बोआई का बेहतर समय चल रहा है. किसान अभी खेतों की तैयारी कर बीज डाल सकते हैं. बीज को उपचारित करने के बाद ही खेतों में बोआई करें. इसके साथ ही चना, मटर, मसूर और आलू की बोआई में तेजी लाना जरूरी है. बीज का चयन कर कृषि विभाग से अनुशंसित दुकानों से ही खरीदारी करें. सही बीज व सही उर्वरक होने पर फसल का उत्पादन बेहतर होगा. राजेंद्र कृषि विवि पूसा के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ आइबी पांडेय ने बताया कि बीजों का उपचार कर बोआई करना सही फसल की पहली शर्त है. इसलिए किसानों को इस पर ध्यान देना बहुत जरूरी है. गेहूं की बोआई के लिए खेतों की तैयारी करें. खेत की तैयारी के समय 150-200 क्विंटल कंपोस्ट का प्रयोग करें. बोआई के समय 60 किलो ग्राम नेत्रजन, 60 किलो ग्राम फॉस्फोरस व 40 किलो ग्राम पोटाश प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें. सिंचित व सामान्य समय पर बोआई के लिए पीबीडब्लू- 343, पीबीडब्लू-443, एचडी-2733, एचडी-2824, के- 9107, एचयूडब्लू-206 किस्मों की व्यवस्था करें. किसान 20 नवंबर से गेहूं की बोआई कर सकते हैं. रबी मक्का की बोआई करें. बोआई के लिए संकर किस्में जैसे- शक्तिमान 1, शक्तिमान 2, शक्तिमान 3, शक्तिमान 4, गंगा 11, राजेंद्र संकर मक्का 1, राजेंद्र संकर मक्का 2 व संकुल किस्में जैसे – देवकी सफेद, लक्ष्मी सफेद, सुआन पीला आदि किस्में इस क्षेत्र के लिए अनुशंसित है. 50 किलो ग्राम नेत्रजन, 75 किलों ग्राम फास्फोरस व 50 किलो ग्राम पोटाश, जिंक सल्फेट 25 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर व कंपोस्ट 100-150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें. रबी मक्का की बोआई का उपयुक्त समय 15 से 25 नवंबर है. चना की बोआई के लिए उपयुक्त समय है. चना के लिए उन्नत किस्म पूसा-256, केपीजी-59 (उदय), डब्लूआर-108, पूसा 372 अनुशंसित हैं. बोआई से पूर्व बीज को बेबिस्टीन 2़ 5 ग्राम प्रति किलो ग्राम की दर से उपचारित करें. बोआई के समय 20 किलो ग्राम नेत्रजन, 45 किलो ग्राम फॉस्फोरस, 20 किलो ग्राम पोटाश व 20 किलो ग्राम सल्फर प्रति हेक्टेयर की दर से व्यवहार करें. बीज की दर प्रति हेक्टेयर 75-80 किलो ग्राम रखें.आलू रोप के लिए कुफरी चंद्रमुखी, कुफरी अशोका, कुफरी पुखराज, कुफरी बादशाह, कुफरी लालिमा, कुफरी ज्योति व राजेंद्र आलू-2 आदि अनुशंसित किस्मों की बोआई करें. रोपनी के पहले आलू के कंद को बैबिस्टीन 0़ 01 प्रतिशत (1 से 1़5 ग्राम प्रति लीटर) घोल में उपचारित कर लें. मसूर की बोआई यथाशीघ्र संपन्न करने का प्रयास करें. बोआई के लिए किस्में जैसे- अरुण, पंत एल-406, केएलएस-218, एचयूएल-57 आदि किस्में इस क्षेत्र के लिए अनुशंसित है. बीज को उचित राईजोबियम कल्चर से उपचारित कर बोआई करें. मटर की बोआई संपन्न करने का प्रयास करें. सब्जियों में निकाई-गुड़ाई व आवश्यकतानुसार सिंचाई करें.

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