मुजफ्फरपुर: हरियाली बिहार का सपना अधूरा नहीं रह जाय इसके लिये वन विभाग के अधिकारियों का दायरा बढ़ा दिया गया है. पर्यावरण व वन विभाग ने अधिकारियों का तकनीकी व वित्तीय पावर में बढ़ोतरी की है. इसका मूल उद्देश्य विभाग की ओर से चल रही योजनाओं को समय पर पूरा करना है.
वन विभाग के सचिव दीपक कुमार सिंह की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि सहायक वन संरक्षक या समकक्ष अधिकारी अब दस लाख की योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति दे सकते हैं. लेकिन उन्हें वित्तीय अधिकार नहीं दिया गया है.
वन प्रमंडल पदाधिकारी व समकक्ष पदाधिकारियों को 10 लाख से 50 लाख तक की योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति भी दी गयी है. इसके साथ ही 25 लाख तक का वित्तीय पावर भी दिया गया है. वन संरक्षक व समकक्ष पदाधिकारी 50 लाख से दो करोड़ तक की योजनाओं की तकनीकी मुहर लगा सकेंगे. 50 लाख से दो करोड़ तक इन्हें वित्तीय अधिकार भी दिया गया है. मुख्य वन संरक्षक व अन्य अधिकारियों को दो करोड़ तक की तकनीकी स्वीकृति दे सकते हैं. इन्हें दो करोड़ से 3.5 करोड़ तक का वित्तीय अधिकार दिया गया है. जबकि प्रधान मुख्य वन संरक्षक को योजनाओं की तकनीकी स्वीकृति नहीं देने का अधिकार दिया गया है. लेकिन 3.50 करोड़ से अधिक की योजनाओं पर इनकी मुहर लगना अनिवार्य कर दिया है. बिना मुख्य वन संरक्षक के मुहर के बिना योजनाओं की स्वीकृति नहीं मिलेगी.