मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में इन दिनों अधिकारियों का अधिकतर समय कार्यालय के बजाये कोर्ट का चक्कर लगाने में गुजर जाता है. हद तो तब होती है, जब एक ही दिन में तीन-से-चार अधिकारी अलग-अलग मामलों में किसी-न-किसी कोर्ट में पेश होते हैं. इसमें कुलपति व कुलसचिव स्तर के अधिकारी भी शामिल होते हैं. इससे न सिर्फ विवि के दैनिक कार्य प्रभावित होते हैं, बल्कि विवि की फजीहत भी होती है.
विवि प्रशासन इसके लिए कार्यालयों के कार्यप्रणाली को दोषी मान रहा है. उसका मानना है कि कर्मी समय पर कानूनी फाइलों का निबटारा नहीं करते. यही कारण है कि जो काम विवि के अधिवक्ता या कर्मियों की उपस्थिति से हो सकता है, उसके लिए कोर्ट में कुलपति व कुलसचिव को पेश होना पड़ रहा है.
इससे विवि की गरिमा कोर्ट व आम आदमी की नजरों में गिर रही है. ऐसे में इस पर रोक लगाने के लिए पहल शुरू हो गयी है. शनिवार को कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला ने अधिसूचना जारी कर कोर्ट से संबंधित तमाम संचिकाओं का परीक्षण कर 24 घंटों के भीतर आगे बढ़ाने का आदेश जारी किया. यदि आदेश का पालन नहीं किया जाता है, तो दोषी कर्मियों पर विवि प्रशासन अनुशासनात्मक व प्रशासनिक कार्रवाई करेगी.