मुजफ्फरपुर: पुलिस वालों की अक्सर यह दलील होती है, उनके अच्छे कामों को हाइ लाइट (बढ़-चढ़ कर) नहीं किया जाता है, जबकि अपराध होने पर उन पर सवाल उठा दिये जाते हैं. यहां भी मामला कुछ ऐसा ही है, लेकिन इसमें मिठनपुरा पुलिस की घोर लापरवाही सामने आयी है. उसने बिना जांच पड़ताल ही मनोज कुमार पोद्दार नाम के निदरेष व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया. मनोज की ओर से लाख सफाई दी गयी, लेकिन पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी और जेल भेजने के लिए कोर्ट के सामने पेश कर दिया, जब मामले की सच्चई सामने आयी तो पुलिसवालों के पैरों तले से जमीन खिसक गयी. पता चला, जिस मामले में मनोज की गिरफ्तारी की गयी है, उस मामले के आरोपित को बीते 29 सितंबर को ही जमानत मिल गयी है. कोर्ट ने इस मामले में मिठनपुरा पुलिस से स्पष्टीकरण मांगा है. मामला निगम एक्ट से जुड़ा है. इसमें चुतुभरुज स्थान के रहनेवाले मनोज कुमार पर खुले में शौच करने का आरोप था.
इस मामले को लेकर निगम की ओर से 13 मई 2004 को मामला दर्ज कराया गया था. इस मामले मनोज ने पहली बार नंबर 2012 में जमानत ले ली थी, लेकिन इस मामले में मनोज की ओर से पैरवी नहीं की गयी, जिसकी वजह से दो अगस्त 2013 को कोर्ट ने मनोज की जमानत को रद्द कर दिया. 13 अगस्त को उसके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी कर दिया गया. वारंट जारी होने के बाद मनोज ने कोर्ट में अर्जी दी, जिसके आधार पर उसे 23 सितंबर 2013 को जमानत मिल गयी.
ऐसे किया गिरफ्तार : मिठनपुरा थाने के दारोगा अभिषेक कुमार 28 अक्तूबर को शाम साढ़े पांच बजे के आसपास पक्की सराय चौक पहुंचे. यही पर मनोज कुमार पोद्दार की नाश्ते की दुकान है. दुकान पर आते ही दारोगा ने मनोज का नाम पूछा और साथ चलने को कहा. इस पर मनोज ने जनाना चाहा, आखिर उन्हें किस मामले में थाने चलने को कहा जा रहा है. इस पर दारोगा ने मनोज को हिदायत दी और पुलिस जीप में बैठा लिया, जब मनोज को थाने में पूरा मामला पता चला तो उसने कहा, हमारे खिलाफ कभी मामला दर्ज ही नहीं हुआ है, न ही हमने कभी कोर्ट से जमानत ली है.
आप न ही मेरा नाम मनोज कुमार है. मामले में जो पता लिखा है, वहां का मैं रहनेवाला भी नहीं हूं. आप चाहिए तो हम इसके कागजात पेश कर सकते हैं, लेकिन पुलिसवालों ने उसकी कोई दलील नहीं सुनी. थाने में पहुंचने के बाद उसे हथकड़ी पहना दी गयी और उसे हाजत में बंद कर दिया गया. मनोज को पकड़े जाने की सूचना के बाद उसके परिजन भी थाने पहुंचे, जिन्होंने भी पुलिसवालों को पूरी सफाई देने की कोशिश की. मनोज का पैन कार्ड और पहचान पत्र दिखाया, लेकिन पुलिसवालों की ओर से कहा गया, जो भी करना है, कोर्ट में करना. हमने इसे गिरफ्तार कर लिया है. मनोज को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेजा जायेगा.