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अब सरकारी भवनों पर लगेंगे दूरसंचार टावर
मुजफ्फरपुर. दूरसंचार टावरों के लिये अब सरकारी भवनों का द्वार खोल दिया गया है. पहले जहां सिर्फ निजी भूमि पर ही टावर स्थापित करने की परंपरा चल रही थी. वहीं अब सरकारी भवनों, थानों को भी इसमें शामिल कर लिया गया है. सरकारी व निजी ऑपरेटर दोनों ही अब ऐसी भवनों पर टावर लगा सकेंगे. […]
मुजफ्फरपुर. दूरसंचार टावरों के लिये अब सरकारी भवनों का द्वार खोल दिया गया है. पहले जहां सिर्फ निजी भूमि पर ही टावर स्थापित करने की परंपरा चल रही थी. वहीं अब सरकारी भवनों, थानों को भी इसमें शामिल कर लिया गया है. सरकारी व निजी ऑपरेटर दोनों ही अब ऐसी भवनों पर टावर लगा सकेंगे. हलांकि विधालयों व कॉलेजों के 100 मीटर की दूरी में किसी तरह का टावर लगाने पर प्रतिबंध रहेगा. दूरभाष टावरों की कम संख्या मोबाइल ऑपरेटरों के लिये सिर दर्द सबित हो रही है. जिस अनुपात में दूरभाष ग्राहकों की संख्या बढते जा रही है. उस अनुपात में टावरों की संख्या कम हो रही थी.ऐसे में मोबाइल सेवाओं में कॉल ड्रॉप , कॉल नहीं लगने की समस्या आ रही है. औसतन अभी एक टावर पर क्षमता से पांच गुनाअधिक ग्राहक है.
ऐसे में नये टावरों के लिये प्रखंड व ग्राम पंचायतों के द्वार खोल दिये गये है. प्रखंडो में जहां पदाधिकारी टावरों को स्वीकृति प्रदान कर सकेगें वही गा्रम पंचायतों में यह जिम्मेवारी पंचायत कमेटी को दी गयी है. इन टावरों को भुकंप रोधी होने के साथ ही, तय सभी गुणवत्ता के मानकों का पालन करना होगा. सुरक्षा की दृष्टि से बीटीएस टावरों पर सर्विलेंस के लिये भी कैमरा लगाया जा सकेगा.
जिससे क्षेत्र पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी. नये बीटीएस टावरों के लिये क्षेत्र वार अलग अलग राशि निधार्रित की गयी है. नगर परिषद् क्षेत्र व ग्राम पंचायतों के लिए अलग-अलग दर तय की गयी है. राशि का 20 फिसदी अग्रीम के तौर पर जमा होगा. साथ ही यह भूमि दूरसंचार कंद्रो को लीज पर दी जायेगी.
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