शहर विस्तारीकरण की सरकार से मंजूरी नहीं मिलती है, तब शहर से सटे जो इलाके हैं, उन इलाकों को विकसित कर पुराने शहर से हट कर एक नया शहर बसाने में सरकार व प्रशासन को काफी दिक्कतें होंगी. जानकार बताते हैं कि शहर की जो बसावट है, उसमें किसी भी तरह का ऐसा प्रोजेक्ट नहीं बन सकता है जिससे शहर को स्मार्ट बनाया जा सके. आसपास का इलाका जब निगम के अधीन हो जायेगा, तब आसानी से निगम उन इलाके की मैपिंग कर बड़े-बड़े प्रोजेक्ट बना सकता है.
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शहर विस्तार स्मार्ट सिटी में डालेगा अड़ंगा
मुजफ्फरपुर: केंद्र सरकार की घोषणा के बाद स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट को बनाने की कवायद तेज है. अपना शहर कैसे स्मार्ट बने. पुराने शहर से हट कर एक नया हरा-भरा सुंदर शहर बसाना है. इसके लिए नगर निगम व सरकार स्तर से बड़े-बड़े प्रोजेक्ट बनाने की तैयारी चल रही है. लोगों को स्मार्ट शहर का […]
मुजफ्फरपुर: केंद्र सरकार की घोषणा के बाद स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट को बनाने की कवायद तेज है. अपना शहर कैसे स्मार्ट बने. पुराने शहर से हट कर एक नया हरा-भरा सुंदर शहर बसाना है. इसके लिए नगर निगम व सरकार स्तर से बड़े-बड़े प्रोजेक्ट बनाने की तैयारी चल रही है. लोगों को स्मार्ट शहर का सपना दिखाया जा रहा है, लेकिन यह सब तब संभव होगा, जब राज्य सरकार के पास लंबित शहर विस्तारीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी.
मानको के अनुरूप नहीं बनी हैं बिल्डिंग. स्मार्ट सिटी में शहर में बिल्डिंग बायलॉज के मानकों के अनुरूप मकानों का निर्माण करना है, लेकिन ऐसा नहीं है. जैसे-तैसे अनियोजित तरीके से मकान का निर्माण किया गया है.
स्मार्ट सिटी में लोगों की हर छोटी-छोटी मूलभूत सुविधाओं का ख्याल रखना है. ट्रांसपोर्ट, जलापूर्ति, सीवरेज, साफ-सफाई, कचरा प्रबंधन आदि की शत प्रतिशत व्यवस्था करनी है, लेकिन शहर की पहले से जो संरचना व व्यवस्था बनी है, वह अनियोजित है. उसमें इन चीजों के लिए प्रोजेक्ट तैयार कर व्यवस्था करना संभव नहीं है.
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