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गांधी युग के अंतिम कड़ी थे जेपी

मुजफ्फरपुर: लोकनायक जयप्रकाश नारायण गांधी युग की अंतिम कड़ी थे. सेवा, त्याग, सादगी व उच्च विचार के मार्ग की ओर इंगित करनेवाला उनका स्वर सर्वाधिक प्रामाणिक था. राष्ट्र उन्हें लोकतंत्र के रक्षक के रूप में हमेशा याद करेगा. शोषण व उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष करने वाले इस योद्धा के प्रति संपूर्ण देशवासी कृतज्ञ रहेंगे. यह […]

मुजफ्फरपुर: लोकनायक जयप्रकाश नारायण गांधी युग की अंतिम कड़ी थे. सेवा, त्याग, सादगी व उच्च विचार के मार्ग की ओर इंगित करनेवाला उनका स्वर सर्वाधिक प्रामाणिक था. राष्ट्र उन्हें लोकतंत्र के रक्षक के रूप में हमेशा याद करेगा. शोषण व उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष करने वाले इस योद्धा के प्रति संपूर्ण देशवासी कृतज्ञ रहेंगे. यह बातें विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित जेपी की 112वीं जयंती के अवसर पर वक्ताओं ने कही.

वक्ताओं ने कहा कि 1974 में जेपी के आंदोलन पूरे देश को हिला कर रख दिया था. यह आंदोलन देश में समानता के लिए था. इसका एकमात्र उद्देश्य सभी वर्गो को समान मूलभूत सुविधाओं का लाभ देना था. देश का आर्थिक संकट खत्म करने के लिए था.

दी गयी श्रद्धांजलि
मुजफ्फरपुर विकास मंडल की ओर से गोष्ठी आयोजित हुई. इसमें मुख्य वक्ताओं में मंडलेश्वर तिवारी, रमेश पंकज, डीके विद्यार्थी, जगन्नाथ पांडे, शाहिद कमाल, कैलाश ठाकुर, विजय कुमार, तारकेश्वर मिश्र, वासुदेव दास, किरण सिन्हा, संजू देवी आदि शामिल थे. वहीं, नागरिक मोरचा व शहीद खुदीराम बोस स्मारक समिति की ओर से जेपी को श्रद्धांजलि दी गयी. यहां मोहन प्रसाद सिन्हा, डॉ सीपी शाही, मीरा झा, विश्वनाथ प्रसाद सिंह, सत्येंद्र कुमार सत्यन, मुन्नी चौधरी, रणवीर अभिमन्यु, कामेश्वर प्रसाद सिंह, दिग्विजय नारायण सिंह, अरूण शुक्ला, मीना झा, महेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, राम वृक्ष चकपुरी आदि ने संबोधित किया.

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