फोटो : दीपक1857 के प्रथम शहीद की शहादत दिवस पर समारोह का आयोजनप्रथम शहीद के अलावा अन्य 47 शहीदों की पुस्तिका का लोकार्पणवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर1857 के गदर में तिरहुत क्षेत्र में बरुराज थाना के जमादार ने शहादत दी थी. देश की आजादी की लड़ाई में उन्होंने पहली शहादत दी थी. उस वक्त किसान अंग्रेज शासकों के खिलाफ सीधी लड़ाई लड़ रहे थे. इसमें किसी रजवाड़े का नेतृत्व नहीं था. उक्त बातें न्यू इंडिया फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी कैसर शमीम ने सोमवार को वारिस अली शहादत समारोह का संबोघित करते हुए कहीं. वारिस अली कमेटी की ओर से एलएस कॉलेज सभागार में आयोजित समारोह में फांउडेशन की ओर से तिरहुत के 48 शहीदों का ब्योरा देती शोधपरक पुस्तिका भी लोगों के समक्ष प्रस्तुत की गयी. स्वतंत्रता सेनानी रामसंजीवन ठाकुर ने पुस्तिका को लोकार्पण किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए एलएस कॉलेज के प्राचार्य अमरेंद्र नारायण यादव ने प्रथम शहीद वारिस अली की शहादत को आजादी का पहला संग्राम बताया. इस मौके पर लक्षणदेव प्रसाद सिंह, प्रो हरिश्चंद्र विद्यार्थी, शाहिद कमाल, प्रो भोजनंदन प्रसाद, आफाक आलम, भवचंद्र पांडेय, चंद्रिका प्रसाद सिंह, सच्चिदानंद चौधरी, शंभू मोहन, वार्ड पार्षद गार्गी सिंह ने भी सभा को संबोधित किया. सभा का संचालन कृष्ण मोहन पांडेय व धन्यवाद ज्ञापन विजय शंकर चौधरी ने किया.
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अंग्रेज शासकों के साथ सीधी लड़ाई लड़े वारिस अली
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