मुजफ्फरपुर: एमआइटी कॉलेज में हॉस्टल छात्रों की पिटाई से घायल बीएमपी के गोरखा जवान अमित प्रधान के बयान पर मंगलवार को ब्रह्नापुरा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी. इसमें हॉस्टल के 50-60 अज्ञात छात्रों को आरोपित बनाया गया है. अपने बयान में प्रधान ने बताया कि सोमवार की देर रात एमआइटी स्थित अस्थायी कैंप में जवानों की गिनती चल रही थी.
इसी दौरान हॉस्टल के छात्र, जो हॉकी स्टिक, विकेट व डंडे से लैश थे, जवानों पर हमला कर दिया. इसमें उनके अलावा मन्नु प्रधान व पप्पू कुमार घायल हो गये. बाद में कैंप में मौजूद जवानों ने उन सभी की जान बचायी. छा्त्रों पर जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज किया गया है. थानाध्यक्ष सुनील कुमार ने बताया कि मारपीट की घटना में अधिकांश हॉस्टल नंबर एक के छात्र शामिल थे. उनमें से करीब 20 छात्रों को चिह्न्ति कर लिया गया है. उन सभी को बख्शा नहीं जायेगा. घटना के बारे में एमआइटी कॉलेज के प्राचार्य को भी पत्र लिखा जायेगा.
इधर, घटना के एक दिन बाद एमआइटी साइंस ब्लॉक के समीप बने न्यू बिल्डिंग में रह रहे बीएमपी के गोरखा बटालियन के 56 जवानों को अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया. हालांकि बिल्डिंग में अभी भी बीएमपी के कुछ जवान मौजूद हैं.
एमआइटी से स्थायी तौर पर हटेंगे जवान
एमआइटी के प्रभारी प्राचार्य डॉ पीसी गुप्ता ने बताया कि कॉलेज प्रशासन बुधवार को जिला प्रशासन को पत्र लिख कर कैंपस में रह रहे बीएमपी व सैप जवानों को स्थायी तौर पर हटाने की मांग करेगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बीएमपी के जवान साइंस ब्लॉक के जिस दो तल्ले मकान में अस्थायी तौर पर रह रहे हैं, उसका निर्माण इलेक्ट्रिकल के लैब के लिए किया गया था. इसके लिए कॉलेज में कंप्यूटर की खरीद भी हो चुकी है. पर जवानों के रहने के कारण उसे अब तक स्टॉल नहीं किया जा सका है. वहीं इसके उत्तर में स्थित एक तल्ला मकान का निर्माण लेदर टेक्नोलॉजी की पढ़ाई के लिए किया गया है.
पीडब्लूडी ने करीब एक माह पूर्व कॉलेज प्रशासन से इसे टेक ओवर के लिए पत्र लिखा था. पर वहां रह रहे जवानों के कारण कॉलेज प्रशासन ने इससे इनकार कर दिया था.