मुजफ्फरपुर: हत्या, रंगदारी व बम विस्फोट समेत कई संगीन मामलों के आरोपित सरोज राय को रविवार देर शाम कुछ युवकों ने गोली मार कर सरेह में फेंक दिया. हालांकि, सरोज हिम्मत कर सड़क पर पहुंच कर ग्रामीणों से मदद मांगा. खून से लथपथ देख कर ग्रामीणों ने डुमरा थानाध्यक्ष हरिश्चंद्र ठाकुर को घटना की सूचना दी. बगैर विलंब किये श्री ठाकुर घटनास्थल पहुंचे. जीप से उसे सदर अस्पताल में भरती कराया. यहां प्राथमिक उपचार के बाद चिंताजनक स्थिति देख एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया गया. थानाध्यक्ष को दिये बयान में सरोज ने बताया है कि घटना की शाम मोनू व निखिल उसे मोटरसाइकिल पर बैठा कर रिखौली ले गया. कुछ देर के बाद दूसरी मोटरसाइकिल पर धर्मनाथ यादव, विकास व मुकेश आया. पिस्टल निकाल कर विकास ने उसके सीने में गोली मार दी.
गोली मारने के बाद सभी भाग गये. सरोज ने हमले का कारण स्पष्ट करते हुए बताया है कि 3 सितंबर को आधा दर्जन हत्याकांड के अभियुक्त रामजी राय को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. रामजी का मानना है कि उसकी सूचना पर ही वह पुलिस के हत्थे चढ़ा. यही कारण है कि रामजी के इशारे पर हत्या करने की नीयत से उसे गोली मार कर सरेह में फेंक दिया.
बता दें कि जिले के रून्नीसैदपुर थाना क्षेत्र के बथरौली गांव के सरोज राय पर हत्या, रंगदारी व बम विस्फोट का संगीन मामला दर्ज है. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हत्या के एक मामले में फिलहाल वह रिमांड होम, मुजफ्फरपुर से फरार चल रहा हैं. सरोज पर इनामी अपराधी संतोष झा के राइट हैंड चिरंजीवी भगत के साथ डुमरा थाना क्षेत्र के कैलाशपुरी निवासी सुभाष झा पर कातिलाना हमला करने का भी आरोप है. हालांकि, गोलीबारी से सुभाष बच गया था, लेकिन उसकी पत्नी की मौत हो गयी थी.
सरोज पर नारायणपुर गांव निवासी अमरेश की हत्या करने का भी आरोप है. 2012 में चर्चित कंचनबाला आत्महत्या कांड में भी सरोज को आरोपित के परिवार पर जानलेवा हमला करने की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. 2012 में ही सड़क निर्माण कंपनी से वसूले गये 20 लाख की लेवी की राशि के साथ धराये ऋषि झा ने पुलिस को दिये फर्द बयान में बताया था कि सरोज राय भी संतोष एंड कंपनी के लिए काम करता है. गत माह भारत-नेपाल सीमा के बॉर्डर से धराये चिरंजीवी भगत ने भी एक हत्याकांड में सरोज को अपना आदमी बताया है. सरोज पर हमले के बाद माना जा रहा है कि आरोपितों पर भी खतरे का बादल मंडराने लगे हैं.