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भेड़-बकरी की तरह यात्रा करने को मजबूर पीड़ित

मुजफ्फरपुर : काठमांडू में भूंकप का दंश ङोलकर लौट रहे पीड़ित अब ट्रेनों में सीट के लिए जूझ रहे हैं. ट्रेन रक्सौल से छूटने वाली ट्रेनों में ज्यादातर लोगों को फर्श पर बैठ कर यात्र करनी पड़ रही है. कई लोग तो शौचालय तक में बैठ कर यात्र कर रहे हैं, लेकिन पीड़ितों को इससे […]

मुजफ्फरपुर : काठमांडू में भूंकप का दंश ङोलकर लौट रहे पीड़ित अब ट्रेनों में सीट के लिए जूझ रहे हैं. ट्रेन रक्सौल से छूटने वाली ट्रेनों में ज्यादातर लोगों को फर्श पर बैठ कर यात्र करनी पड़ रही है. कई लोग तो शौचालय तक में बैठ कर यात्र कर रहे हैं, लेकिन पीड़ितों को इससे गुरेज नहीं. वो किसी भी हालत में जल्दी से जल्दी अपने परिजनों तक पहुंचना चाहते हैं.मिथिला एक्सप्रेस से लौटनेवाले यात्रियों ने कहा, नेपाल में भूकंप से बचकर लौटने वाले व्यक्तियों को रेलवे ट्रेनों में जगह उपलब्ध कराने का दावा तो कर रहा है, लेकिन भूकंप पीड़ितों को ट्रेन में जगह नहीं मिल पा रही है.

ट्रेन की बोगी में भेड़-बकरी के तरह ठूंस कर भूकंप पीड़ित किसी तरह नेपाल से निकल रहे हैं. उन्हें बस चिंता है तो सुरक्षित जगह पर पहुंचने की. काठमांडू लालीपुर मंगल बाजार से मिथिला एक्सप्रेस से हावड़ा जा रहे पीड़ित परिवार के पवन कुमार, समीर, सुमन और गायत्री ने बताया कि रक्सौल से वह लोग ट्रेन में सवार हुए हैं. वहां से किसी तरह खड़े-खड़े जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि काठमांडू में वह 11 सालों से परिवार के साथ कपड़ा का कारोबार करते थे.

ट्रेन में हावड़ा जा रहे उमर रस्तोगी, इमान अंसारी, रजनी थापा, कमली और भरत को ट्रेन में बैठने की नहीं मिली है. भूकंप में उनके पैर टूट गये हैं. वह कई बार टीटीइ को इसके लिए कह चुके हैं. ट्रेन में बैठे लोग भी बैठने में इनकी मदद नहीं कर रहे हैं. भूकंप पीड़ितों का कहना था कि रक्सौल में ट्रेन पर चढ़ जाना बहुत चुनौती है.

पहले से रहती है भीड़

उत्तर बिहार से गुजरनेवाली ट्रेनों में पहले से भीड़ रहती है. कोलकाता, दिल्ली व मुंबई जैसे शहरों को जानेवाली ट्रेनों की जनरल बोगी में बैठने के लिए मारामारी होती है. आम दिनों में लोग फर्श पर बैठ कर यात्र करते हैं. ऐसे में आपदा के समय रेलवे की ओर से जो अतिरिक्त व्यवस्था की गयी है. वो बौनी साबित हो रही है.

अतिरिक्त कोच, ट्रेन से भी राहत नहीं

पूर्व मध्य रेलवे ने नेपाल में आये भूकंप से प्रभावित लोगों के सहायतार्थ रक्सौल से खुलने वाली ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाये हैं. रक्सौल से चलकर हावड़ा जाने वाली गाड़ी संख्या 13022 रक्सौल-हावड़ा मिथिला एक्सप्रेस में हावड़ा तक के लिए साधारण श्रेणी के छह व शयनयान श्रेणी का एक अतिरिक्त कोच लगाये गये हैं. 15273 रक्सौल-दिल्ली सत्याग्रह एक्सप्रेस में दिल्ली तक के लिए साधारण श्रेणी का एक अतिरिक्त कोच लगाया गया है. 05534 रक्सौल-हावड़ा स्पेशल ट्रेन रक्सौल से 23 बजे बजे खुलेगी. इस ट्रेन में साधारण श्रेणी के 12 तथा एसएलआर के दो कोच सहित कुल 12 कोच लगे हैं, लेकिन रेलवे की ये व्यवस्था पीड़ितों के लिए कम पड़ रही है, क्योंकि जिस अनुपात में डिब्बे लगाये गये हैं, उससे कई गुना ज्यादा संख्या पीड़ितों की है, जो किसी भी कीमत में घर जाना चाहते हैं.

रेलवे मुख्यालय ने आदेश दिया है कि नेपाल में भूकंप से बचकर किसी स्टेशन पर पीड़ित व्यक्ति पहुंचता है, उसे गंतव्य तक पहुंचाने के लिए बोगी में जगह मुहैया करायी जाये. बर्थ खाली नहीं होने पर अलग से जनरल बोगी लगाने की व्यवस्था होगी. नेपाल से भूकंप पीड़ितों की सहायता करने व जगह उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है. स्टेशनों पर ट्रेन पकड़ने के लिए भूकंप पीड़ित व्यक्ति के पहुंचते ही उसे स्थान दिलाने की व्यवस्था भी करायी जायेगी.

दिलीप कुमार, सीनियर डीसीएम

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