मुजफ्फरपुर: मिट्टी के स्वास्थ्य जांच के पहले साल में जिले के 18 खेतों की जांच की जायेगी. जिले के सभी खेतों की जांच का काम तीन साल में पूरा होगा. इसके लिए कृषि विभाग ने खाका तैयार कर लिया है. जांच के बाद खेत के मालिक को मिट्टी के स्वास्थ्य का प्रमाण दिया जायेगा.
अक्षांश व देशांतर बनेगा आधार . मिट्टी जांच के लिए अक्षांश व देशांतर आधार बनेगा. एंड्रायड आधारित स्मार्ट मोबाइल फोन के लिए एक खास अप्लीकेशन (स्वायल हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम) विकसित किया गया है.
जैसे ही नमूना संग्रह टीम अपने पंचायत के चयनित राजस्व गांव में जायेंगे. एप्लिेशन खोलेंगे, स्वायल सैंपल रजिस्ट्रेशन में जाने पर ग्रिड नंबर के साथ अक्षांश व देशांतर दिखेगा. कृषि समंवयक इस एप के माध्यम ग्रिड चिह्न्ति करेंगे. इसके बाद गांव का नाम, पंचायत का नाम, किसी एक किसान का नाम, मोबाइल नंबर को फॉर्म में भर कर डाटा सुरक्षित करेंगे. इसके बाद यह साइट पर अपने आप लोड हो जायेगा. नेटवर्क नहीं रहने पर यह डाटा मोबाइल के मेमोरी में सुरक्षित हो जायेगा.