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कटरा सीडीपीओ के आरोप पर डीटीओ को मिली क्लीन चिट
मुजफ्फरपुर : कटरा सीडीपीओ को जिला परिवहन पदाधिकारी पर र्दुव्यवहार का झूठा आरोप लगाना उल्टा पड़ गया. मामले में सीडीपीओ खुद कार्रवाई के जद में आ गयी हैं. जांच पदाधिकारी उपविकास आयुक्त कॅवल तनुज ने डीएम को दिये रिपोर्ट में डीटीओ मनन राम को क्लीन चिट दे दिया है. वहीं सीडीपीओ के आरोप को खारिज […]
मुजफ्फरपुर : कटरा सीडीपीओ को जिला परिवहन पदाधिकारी पर र्दुव्यवहार का झूठा आरोप लगाना उल्टा पड़ गया. मामले में सीडीपीओ खुद कार्रवाई के जद में आ गयी हैं. जांच पदाधिकारी उपविकास आयुक्त कॅवल तनुज ने डीएम को दिये रिपोर्ट में डीटीओ मनन राम को क्लीन चिट दे दिया है.
वहीं सीडीपीओ के आरोप को खारिज करते हुए उनसे जवाब तलब कर कार्रवाई करने की अनुशंसा की है. डीडीसी ने जांच रिपोर्टमें सीडीपीओ के आरोप को बेबुनियाद बताते कहा है कि सीडीपीओ ने अपनी गलती छुपाने के लिए डीटीओ पर मनगढंत आरोप लगाया है. महिला अधिकारी होने का अनुचित लाभ उठाया. डीटीओ पर लगाये गये आरोप किसी दृष्टिकोण से प्रमाणित नहीं होते हैं.
ये था आरोप
कटरा सीडीपीओ ने डीएम से शिकायत की थी समाहरणालय में पिछले दस जनवरी को वाहन की जांच के दौरान डीटीओ ने उनके साथ गलत व्यवहार किया था. गाड़ी से नीचे उतारकर सार्वजनिक रूप मुङो अपमानित किया. सीडीपीओ का यह भी आरोप था कि डीटीओ ने उनसे ऊंची आवाज में बात की, जिससे काफी भीड़ जमा हो गयी. एक महिला अधिकारी के नाते यह सब उनकी गरिमा व सुरक्षा के प्रतिकूल था. डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच का जिम्मा डीडीसी को दिया था. डीडीसी ने जांच रिपोर्ट में सीडीपीओ के आरोप को बेबुनियाद बताते कहा है कि सीडीपीओ ने अपनी गलती छुपाने के लिए डीटीओ पर मनगढंत आरोप लगाया है. महिला अधिकारी होने का अनुचित लाभ उठाया. डीटीओ पर लगाया गया आरोप प्रमाणित नहीं होता है.
वाहन पर लगा था काला फिल्म
उपविकास आयुक्त ने डीटीओ व घटना के समय उपस्थित तीन अन्य गवाहों के बयान व मीडिया में आयी तस्वीर व न्यूज का हवाला देते हुए जांच रिपोर्ट में बताया है कि सीडीपीओ का काला फिल्म लगा निजी वाहन में समाहरणालय परिसर में खड़ा था. वाहन के आगे लगे बोर्ड पर बिहार सरकार लिखा हुआ था. वाहन पर लगा काला फिल्म लगा हुआ था, जो सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है. दस जनवरी 2015 को समाहरणालय में डीटीओ व पुलिस निरीक्षक परिवहन संयुक्त रूप से वाहन की जांच कर रहे थे. इसी क्रम में वाहन में बैठी महिला अधिकारी से कागज दिखाने को कहा.
सीडीपीओ का यह आरोप था कि उनको निशाने पर लेकर वाहन चेक किया गया. यह सरासर गलत है. समाहरणालय में उस दिन एक दर्जन से अधिक वाहन के कागजात की चेकिंग की गयी थी. कई वाहन से जुर्माना भी वसूला गया था.
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