मुजफ्फरपुर: बिजली आपूर्ति को निजी कंपनी के हाथ में सौंपे जाने के निर्णय से जिले में रख-रखाव की व्यवस्था प्रभावित हो रही है. नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी व एस्सेल के बीच जिले के बिजली हैंड ओवर- टेक ओवर को लेकर समय निर्धारित नहीं हो पाने से आपूर्ति सिस्टम का काम एक महीने से थम गया है, जिसका खामियाजा आम उपभोक्ता को उठाना पड़ रहा है. जजर्र तार व इंसूलेटर के बार- बार टूटने व गलने से बिजली उपलब्ध होते हुए भी बिजली के लिए हाहाकार की स्थिति बनी हुई है. हर एक दो दिन के बीच फीडर ब्रेक डाउन में फंस रहा है.
जुलाई महीने तक करीब 18 किलोमीटर तक 11 केवीए तार को बदला गया था, लेकिन फिलहाल स्थिति यह है कि तार टूटने व जंफर गलने पर किसी तरह जोड़ – तोड़ का बिजली आपूर्ति की जा रही है. जबकि पावर डिस्ट्रब्यूशन कंपनी के सीएमडी ने विगत मार्च महीने में जिले के सभी नौ डिवीजन को हर महीने 25 किलोमीटर एलटी तार बदलने का टास्क दिया था. इसमें 15 किलोमीटर एलटी तार व 10 किलोमीटर हाई टेंशन तार बदला जाना था, लेकिन मामला निजी कंपनी को लेकर अटका हुआ है. इधर, विभागीय जानकारी के अनुसार संवेदक पैसा फंसने के डर से काम नहीं कर रहे हैं.
अटका डबल फीडर बनाने काम
बेला व एसकेएमसीएच सब स्टेशन से जुड़े जीरोमाइल फीडर को डबल फीडर बनाने की बात हुई थी, लेकिन फीडर को डबल फीडर बनाने काम नहीं शुरू किया गया है. बेला फीडर के 33 केवीए के तार पर क्षमता से डेढ़ गुणा अधिक लोड है. यही हाल जीरोमाइल फीडर का है. इसके वजह से पीक ऑवर (शाम) में तार व जंफर गलने से आपूर्ति ठप होती है.