मुजफ्फरपुर: बेला औद्योगिक क्षेत्र में उद्यमियों को बिजली रुलाने लगी है. हर उद्यमी इस समस्या से प्रतिदिन जूझ रहा है. आलम यह है कि उन्हें मुनाफा कम व घाटा अधिक उठाना पड़ रहा है. उनकी समस्या को देख बिजली विभाग ने ट्रांसफॉर्मर तो लगा दिया, लेकिन तार व जंफर नहीं बदला. नतीजा आज भी उसी समस्या से जूझना पड़ रहा है. पिछले दो दिनों में आपूर्ति ठप रहने से दो करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है. यहां 112 उद्योग अभी चालू अवस्था में हैं. बिजली की लचर व्यवस्था के कारण यह बंद होने के कगार पर हैं.
रोज होता है ब्रेक डाउन
उत्तर बिहार उद्यमी संघ के अध्यक्ष गणोश प्रसाद सिंह का कहना था कि हर दिन बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा उठाना पड़ रहा है. रोज ब्रेक डाउन की समस्या होती है. छोटा फॉल्ट होने पर भी दो से तीन घंटे बिजली बंद हो जाती है. इसके अलावा लो व हाइ वोल्टेज का समस्या अलग है. कई बार इसकी सूचना देने के बावजूद आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. खुशी पॉली प्राइवेट लिमिटेड के इम्तेयाज अहमद ने बताया कि जब बिजली विभाग का घेराव किया गया तो औद्योगिक क्षेत्र की लाइन अलग करने की बात की गयी. लेकिन सिर्फ ट्रांसफॉर्मर लगा कर छोड़ दिया गया. आज भी 24 घंटे बिजली नहीं मिल रही है.
हर माह एक करोड़ का बिल
औद्योगिक क्षेत्र से बिजली विभाग को प्रतिमाह एक करोड़ रुपये से ज्यादा बिजली बिल जाता है. इसके बाद भी बिजली सही ढंग से नहीं मिल पाती है. कभी हाइ व लो वोल्टेज के कारण नयी तकनीक की मशीनें खराब हो रही हैं. बिजली की लचर व्यवस्था से माल समय पर तैयार नहीं हो रहा है. ऊपर से मशीन खराब होने पर उसे ठीक कराने में अधिक खर्च उठाना पड़ रहा है. अभी भी उद्यमी हर सप्ताह समस्या लेकर अधिकारियों से मिलने जाते हैं. उन्हें आश्वासन के रूप में अगले सप्ताह तक लाइन सही होने की बात कही जाती है. ऑक्सीजन गैस बनाने वाले हीरा चौधरी कहते हैं कि एक तो बिजली हर दो घंटे में कट जाती है. ऊपर से हाइ व लो वोल्टेज से मशीन जल रही है.