मुजफ्फरपुर: परिवहन विभाग के प्रधान सचिव ने छोटे लग्जरी वाहनों के निबंधन से पूर्व उसकी कीमत का सही आकलन करने का निर्देश सभी डीटीओ को दिया है. टैक्स को लेकर राजस्व क्षति को देखते हुए विभाग ने यह निर्देश जारी किया है. इसके साथ ही सभी डीटीओ को हर माह अपने क्षेत्र के शोरूम से ऐसे वाहनों के मूल्य की सूची लेने को कहा गया है.
दरअसल, 12 लोगों को बैठाने की क्षमता वाले वाहनों का वन टाइम टैक्स पेमेंट होता है. चाहे वह कॉमर्शियल हो या प्राइवेट वाहन. दोनों के टैक्स में विविधता होती है, लेकिन टैक्स वन टाइम पेमेंट होता है. पटना में कुछ दिनों पूर्व ऐसे ही कुछ वाहनों का निबंधन शोरूम कीमत से कम राशि पर किया गया था. कार्यालय के सॉफ्टवेयर में दर्ज वाहन की कीमत व शोरूम की कीमत में भिन्नता थी. इसके कारण राजस्व की क्षति हुई थी. इसमें कॉमर्शियल वाहनों को शोरूम प्राइस में वैट काट कर 5 प्रतिशत व निजी वाहन में सात प्रतिशत टैक्स लिया जाता है. शोरूम प्राइस में वैट इसलिए काटा जाता है क्योंकि एक टैक्स पर दूसरा टैक्स नहीं लगता है.
मूल्य की सूची लेंगे डीटीओ
सभी जिला परिवहन पदाधिकारी अपने क्षेत्र के शोरूम से वाहन के मूल्य की सूची हर माह लेंगे. निबंधन से पूर्व वाहन निर्माता द्वारा जारी सेल सर्टिफिकेट व वाहन एजेंसी द्वारा जारी वाहन मूल्य का मिलान करने के बाद ही उसे सॉफ्टवेयर में दर्ज करेंगे. सभी कार्यालय में वाहन डीलरों से प्राप्त सूची के आधार पर टैक्स वसूला जायेगा. कार्यालय में सहायक व ऑपरेटर निबंधन से पूर्व इसकी पूरी जांच करेंगे.