मुजफ्फरपुर: नवजात शिशु के लिए स्तनपान अमृत के समान है. यह बच्चों के मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक व संवेगात्म विकास के लिए जरूरी है. ऐसे में मां को चाहिए कि जन्म से लेकर छह माह की आयु तक शिशु को स्तनपान कराये. यह बातें इंडियन पेडियाटिक्स एकेडमी के राष्ट्रीय समन्वयक डॉ अरूण शाह ने आरबीबीएम कॉलेज में एनएसएस व लायंस क्लब मुजफ्फरपुर के तत्वावधान में आयोजित सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में कही. सेमिनार का विषय था- स्तनपान: मां-बच्चे के प्रगाढ़ संबंध का आधार.
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषण का शिकार होते हैं. इसमें से अधिकांश वैसे बच्चे शामिल होते हैं, जो मां के स्तनपान से वंचित रहते हैं. इसे रोके जाने की जरूरत है. प्राचार्या डॉ निर्मला कुमारी झा ने कहा कि स्तनपान से न सिर्फ बच्चों का सर्वागीण विकास होता है, बल्कि मां के सौंदर्य में भी निखार आता है. बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी यह जरूरी है.
मौके पर लायंस क्लब के अध्यक्ष जैकब वैद्यन, गिरिश चंद्र सिन्हा, सुजीत कपूर ने भी अपने विचार रखे. संचालन डॉ श्यामा सिन्हा व धन्यवाद ज्ञापन मधु सिंह ने किया.