मुजफ्फरपुर: पटना समाज कल्याण विभाग के निदेशक इमामुद्दीन अहमद सहित चार अधिकारियों पर निगरानी कोर्ट में मामला दर्ज कराया गया है. कटरा थाना क्षेत्र के जितवारा निवासी अधिवक्ता रवि प्रताप ने मंगलवार को यह मामला दर्ज कराया है. इसमें निदेशक व अन्य पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है.
दर्ज मामले में अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि समाज कल्याण विभाग बिहार द्वारा बिहार किशोर न्यायालय नियमावली 2012 के नियम (3) के अंतर्गत राज्य के नौ जिलों में किशोर न्याय परिषद के गठन के लिए सदस्यों के चयन के लिए विज्ञापन निकाला गया. विज्ञापन की तिथि से 21 दिनों के अंदर आवेदन देने की तिथि निर्धारित की गयी.
अधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने अपना आवेदन जिलाधिकारी कार्यालय में 24 जुलाई 2014 को जमा किया. इसके बाद बाल संरक्षण इकाई की निदेशक रोजी रानी से उनके कार्यालय में संपर्क किया. न्याय परिषद सदस्य के चयन की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ली. उन्हें बताया गया कि यहां से कागजात पटना भेजा जा चुका है. आप निदेशक से संपर्क करें. इसके बाद वे 12 दिसंबर 14 को निदेशक पटना के कार्यालय गये. वहां मौजूद सहायक निदेशक प्रभा कुमारी से संपर्क किया. उन्होंने कार्यवाहक सहायक वीरेंद्र कुमार सिंह को अपने कार्यालय में बुलाया और मुङो अपने साथ निदेशक इमामुद्दीन अहमद के पास ले गये. जहां वे किशोर न्यायालय परिषद के सदस्य के रूप में चयन के लिए 25 हजार रुपये रिश्वत की मांग की. वह तत्काल पैसा नहीं होने की बात कह कर लौट गये. बाद में उन्हें पता चला कि आरोपितों ने रिश्वत लेकर विज्ञापन में प्रकाशित किये गये मापदंडों का उल्लंघन कर मुजफ्फरपुर किशोर न्याय परिषद के सदस्य के रूप में गुंजन कुमारी व संजीव कुमार का चयन कर लिया. विशेष निगरानी न्यायालय ने मामले को सुनवाई पर रखा है.