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नव वर्ष अभिनंदन में गूंजे कविता व गीत

– नटवर साहित्य परिषद के तत्वावधान में काव्य संध्या में गूंजे कविता व गीत संवाददाता, मुजफ्फरपुर. नटवर साहित्य परिषद के तत्वावधान में रविवार को आयोजित काव्य संध्या में घंटों समसामयिक कविता व गीत गूंजते रहे. नव युवक समिति सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत नागेंद्रनाथ ओझा की कविता ‘भगवद् ध्वज की कीर्ति…’ से हुई. […]

– नटवर साहित्य परिषद के तत्वावधान में काव्य संध्या में गूंजे कविता व गीत संवाददाता, मुजफ्फरपुर. नटवर साहित्य परिषद के तत्वावधान में रविवार को आयोजित काव्य संध्या में घंटों समसामयिक कविता व गीत गूंजते रहे. नव युवक समिति सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत नागेंद्रनाथ ओझा की कविता ‘भगवद् ध्वज की कीर्ति…’ से हुई. सुमन कुमार मिश्र ने ‘जब कवि का हृदय जगता है, कविता का सृजन होता है’ सुनाकर खूब वाहवाही लूटी. अनिल कुमार ने समसामयिक कविता ‘नव वर्ष अभिनंदन, नव कुसुम सकल संसार भरे’ सुना कर नूतन वर्ष के आगमन का आभास करा दिया. वहीं रमेश कुमार मिश्र ‘प्रेमी’ ने ‘हंस वाहिनी ज्ञान दायिनी…’ तो रामवृक्ष चकपुरी ने ‘आध्यात्मिक स्पंदन की अनुभूति से…’ सुनाकर भक्ति रस की धारा बहा दिया. उदय शंकर प्रसाद ने गजल ‘बिजली चमकती सावन भी बरसता जुल्फ अगर लहराये’ गजल सुना कर खूब तालियां बटोरी. वहीं आचार्य चंद्रकिशोर पाराशर ने ‘तू वीणा जैसा मेरा स्वर कर दे…’ तो अध्यक्षता कर रहे राज मंगल पाठक ने ‘कितने गीत रहे अनगाये वीणा रूठ गयी…’ सुना कर वाग्दात्री की वंदना की. मौके पर देवेंद्र कुमार, संतोष कुमार गुप्ता, जगदीश शर्मा, तारकेश्वर कुमार, अंजनी कुमार पाठक, सुनील कुमार ओझा, मनोज चौधरी आदि ने भी अपनी-अपनी रचनाओं का पाठ किया. संचालन डॉ नर्मदेश्वर चौधरी और धन्यवाद ज्ञापन नागेंद्र नाथ ओझा ने किया.

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