मुजफ्फरपुर: तीन बीडीओ व सीओ समेत पंद्रह के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है. प्राथमिकी निगरानी थाना पटना में दर्ज हुई है. एफआइआर निगरानी कोर्ट के आदेश के बाद जांच में मामला सत्य पाये जाने के बाद दर्ज हुआ है.
इन पर सोलर लाइट, सुखाड़ व बाढ़ राहत, इंदिरा आवास, मनरेगा समेत कई घोटालों में संलिप्तता का आरोप है. इसमें मड़वन के तत्कालीन बीडीओ अमरेंद्र कुामर, नीलू कौर व अजय कुमार को आरोपी बनाया गया है.
इनके अलावा तत्कालीन सीओ भुवनेश्वर ठाकुर, बड़का गांव दक्षिणी पंचायत की मुखिया बच्ची देवी, उनके पति रंजीत सिंह, वर्तमान पंचायत सचिव जितेंद्र ठाकुर, विश्वमोहन राय, सोनेलाल चौधरी, पंचायत पर्यवेक्षक अविनाश कुमार, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी संजीत कुमार राय, रामा शंकर दूबे, रोजगार सेवक श्रवण कुमार, कनीय अभियंता शिवशंकर साह, विकास मित्र बीरेंद्र राम व मीना कुमारी को अभियुक्त बनाया गया है. जांच के क्रम में अनुसंधानकर्ता निगरानी इंस्पेक्टर ने प्रथम दृष्टया इन लोगों को पर आरोपों को सत्य पाया है.
बरौना पानापुर के महेश यादव ने किया था केस : बरौना पानापुर के महेश यादव ने एफआइआर में नामजद अभियुक्तों पर वर्ष 2006-11 तक बड़का गांव दक्षिणी पंचायत के इंदिरा आवास आवंटन में भारी अनियमितता बरतने का आरोप लगाया था. इसमें मीनादेवी के पति राम देव चौधरी, गंगिया देवी पति बैजू महतो सहित कई लोगों को एक ही बीपीएल नंबर पर दो-दो बार इंदिरा आवास योजना का आवंटन अपने निजी लाभ को देख कर किया था. यही नहीं, गलत तरीके से इंदिरा आवास में नाम जोड़वा कर इंदिरा आवास आवंटन किये जाने का मामना सामने आया था. सोलर लाइट खरीद मामले में भी नियम के विरुद्ध अस्तित्वहीन मुजफ्फरपुर की ज्योति कंपनी से 48 हजार रुपये में प्रति सोलर लाइट का भुगतान दिखाया गया था. सोलर लाइट में बड़ा घोटाला करने की बात सामने आयी है. वर्ष 2011 में सूखा राहत में मृतक के नाम पर राशि का भुगतान किया गया. रिजवान खातून नामक महिला को उसके पति का नाम स्वर्गीय गफार दिखा कर विधवा पेंशन दिया गया, जबकि मो. गफार जिंदा है. इसी प्रकार मनरेगा योजना के तहत वन पोषण भुगतान, पोधारोपण, चापाकल लगाने व पोखर उड़ा़ही में काफी अनियमितता सामने आयी है. छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितता, पक्का मकान वाले को बीपीएल में नाम जोड़ कर लूट किये जाने का भी आरोप है.
तेरहवें वित्त आयोग के तहत आंगनबाड़ी भवन के मकान के निर्माण में गड़बड़ी, डीजल अनुदान, मक्का अनुदान, कृषि इनपुट में मनमानी, बीपीएल धारकों को डीजल अनुदान का भुगतान किये जाने जैसे कई आरोप अभियुक्तों पर लगाये गये हैं. इससे संबंधित केस विशेष निगरानी न्यायालय की अदालत में वर्ष 2012 में केस संख्या 107 दर्ज कराया था. इसमें एक नाम पर कई बार इंदिरा आवास की राशि निर्गत करने का आरोप लगाया था. सोलर लाइट खरीदारी में भी धांधली बरतने एवं सूखा राहत के नाम पर की गयी भुगतान में मृत व्यक्ति के नाम भी राशि निर्गत होने का आरोप लगाया था. महेश यादव ने मनरेगा के तहत हुए कार्यो एवं पौधारोपण, चापाकल लगाने एवं पोखर उड़ाही करने में बड़े धांधली की शिकायत की थी.