मुजफ्फरपुर: पंचायत के मुखिया से मांगो तो रोजगार सेवक के पास जाओ. रोजगार सेवक से मांगो तो बीडीओ के पास जाओ. यह बहाना बनाकर मनरेगा मजदूरों को टाल-मटोल किया जा रहा है. यह दर्द मनरेगा मजदूरों का है.
इससे क्षुब्ध कुढ़नी, सकरा व मुरौल प्रखंड की सैकड़ों महिला मजदूर काम का पूरा दाम लेने के लिए चूल्हा-चौका के साथ गुरुवार को समाहरणालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गयीं. व्यवस्था के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. उनका इनका कहना है कि अब कोई बहाना नहीं चलेगा. उनका धरना भुगतान होने तक जारी रहेगा.
संबोधित करते हुए बिहार मनरेगा वॉच के संजय सहनी ने कहा कि मजदूरों के लगाये गये पौधे में हरियाली आ गयी. मिट्टी भराई के बाद कई सड़कों पर ईंट सोलिंग व कालीकरण की परत चढ़ गयी, लेकिन मजदूरों को मजदूरी नहीं मिली. एक-एक मजदूर का 10 से 15 हजार रुपये तक बकाया है.
स्थानीय स्तर पर न्याय नहीं मिलने के कारण अब जिला प्रशासन से न्याय की भीख मांग रहे है.
अनीता देवी, गुलाब देवी, रेखा देवी, रहीसा खातुन, लीला देवी ने बताया कि पंचायत में दो वर्ष पूर्व ही काम कराया गया था. हमलोगों ने काफी मेहनत कर मिट्टी भराई व पौधारोपण किया. 11 हजार रुपये मजदूरी बनी. लेकिन दो हजार रुपये ही दिया गया. रुपये नहीं मिलने से परिवार की माली हालात काफी खराब हो गयी.