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तीस छात्र पर होगा एक शिक्षक

मुजफ्फरपुर: मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा, हम स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात को 40:1 की जगह 30:1 करेंगे. इसका मकसद शैक्षणिक ढांचे को मजबूत करना है. मुख्यमंत्री ने कहा, समाज में शैक्षणिक जागरूकता आयी है, लेकिन नैतिकता के स्तर में गिरावट आ रही है. जिस गांव या टोले में जाइये, वहां नेट, बेट, पीएचडी व एम […]

मुजफ्फरपुर: मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा, हम स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात को 40:1 की जगह 30:1 करेंगे. इसका मकसद शैक्षणिक ढांचे को मजबूत करना है. मुख्यमंत्री ने कहा, समाज में शैक्षणिक जागरूकता आयी है, लेकिन नैतिकता के स्तर में गिरावट आ रही है. जिस गांव या टोले में जाइये, वहां नेट, बेट, पीएचडी व एम फिल डिग्रीधारी मिल जायेंगे. फिर भी भ्रष्टाचार कम नहीं हो रहा.

समाज में या सरकारी संस्थान में भ्रष्टाचार फैलाने कोई मेहनत-मजदूरी करने वाले नहीं जाते, रिक्शा, ऑटो चलाने वाले भी नहीं जाते. भ्रष्टाचार तो वही फैला रहे हैं, जो पढ़े-लिखे हैं. अनपढ़ या कम पढ़े-लिखे को तो इसकी समझ भी नहीं होती. सीएम ने सवाल उठाया, आखिर हम कहां जा रहे हैं? इस पर विचार करना बहुत जरूरी है. मुख्यमंत्री बीआरए बिहार विवि की संबद्ध इकाई डॉ जगन्नाथ मिश्र कॉलेज के 31वें स्थापना दिवस समारोह में बोल रहे थे. इस मौके पर उन्होंने रिमोट से कॉलेज की योजनाओं के अलावा जिले की 100 विकास योजनाओं का उद्घाटन व 277 योजनाओं का शिलान्यास किया.

संपूर्ण विकास की चाहत

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे वार्षिक बजट का सबसे ज्यादा हिस्सा शिक्षा का है, क्योंकि शिक्षा का हम चतुर्दिक विकास करना चाह रहे हैं. पूर्व सीएम नीतीश कुमार जी ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किया. पहले राज्य की साक्षरता दर 37-38 फीसद थी, लेकिन अब 64 फीसद पहुंच गयी है, जो राष्ट्रीय अनुपात के बराबर है. पंचायत से लेकर अनुमंडल, जिला

स्तर तक शिक्षा व शैक्षणिक ढांचे को मजबूती प्रदान करना है. छात्र-शिक्षक अनुपात 40:1 से घटा कर 30:1 करने की योजना है.

शिक्षा बिना उन्नति नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा, शिक्षा क्षेत्र की समस्याओं को दूर करना है. शिक्षा से ही अच्छे समाज का निर्माण होगा. इसके सहारे ही बिहार शीर्ष पर पहुंचेगा. हम बिहार को उन्नत प्रदेश बनाना चाहते हैं. देश के विकास के लिए भी यह आवश्यक है, तभी तो पूर्व राष्ट्रपति डॉ कलाम ने भी कहा था कि बिहार की उन्नति के बिना भारत की उन्नति की कल्पना नहीं की जा सकती.

पेड़ 33 फीसदी हो

उन्होंने यह भी कहा कि हम ग्लोबलाइजेशन की दौड़ में अपनी परंपरा और संस्कृति को भूलते जा रहे हैं. पर्यावरण को हानि पहुंचा रहे हैं. यदि यही स्थिति रही तो वैज्ञानिकों ने कहा है कि भविष्य में पृथ्वी पर कुछ नहीं बचेगा. प्रदेश में 33 फीसद जंगल की आवश्यकता है. यह जीवन के लिए फेफड़ा का काम करता है, लेकिन है सिर्फ 13 फीसदी. यही कारण है कि यहां अच्छी वर्षा नहीं होती. सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न होती है. वायु प्रदूषित होने के कारण कई तरह की बीमारियां उत्पन्न होती है.

नशा छेड़छाड़ का कारण

मुख्यमंत्री ने महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की रोज-ब-रोज होने वाली घटनाओं का एक प्रमुख कारण नशापान भी माना है. उन्होंने कहा कि शराब पीकर कुछ लोग ऐसी घटनाएं करते हैं. इसके सेवन से राक्षसी शक्ति आ जाती है और वे दूसरों की बहू-बेटियों पर फब्तियां कसने से नहीं चूकते. गुटखा आदि पर तो हमने वैन ही लगा दिया. शराब से पैंतीस हजार करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति होती है. इसे बंद तो नहीं कर सकते, लेकिन महंगा जरूर कर देंगे.

मुजफ्फरपुर में बनेगा रिंग रोड

उन्होंने शहर की हालात एवं विकास की समीक्षा के बारे में कहा कि यहां ट्रैफिक सिस्टम फेल है. नाले एवं अतिक्रमण की भी गंभीर समस्या है. इसके निदान के लिए शहर में ट्रैफिक अनुमंडल व ट्रैफिक थाना अगले मंगलवार की कैबिनेट में पास कर देंगे. साथ ही अतिक्रमण हटाया जायेगा. नाले का निर्माण भी होगा, ताकि शहर को जल-जमाव से मुक्ति मिल सके. अगले साल के बजट में यहां रिंग रोड भी बनाया जायेगा. उन्होंने कहा कि नारायणपुर और रामदयालू नगर में दो रेल ओवरब्रिज भी बनेगा. यदि सौ करोड़ तक की जरूरत पड़ी तो बिना केंद्र की सहायता के राशि आवंटन कर देंगे, यदि ज्यादा का हुआ तो केंद्र से मांगेंगे.

महीने भर में सुधरेगी बिजली

बिजली के विकास के लिए तीन सौ करोड़ की योजना है. विद्युत आपूर्ति कर रही एस्सेल कंपनी बहुत गलत कर रही है. विद्युत विभाग के एमडी व एस्सेल के अधिकारियों के साथ बैठक में भी यह बात आयी. एमडी ने सुधार के लिए एक महीने का समय मांगा. अगर एक महीने में ठीक नहीं हुआ तो उसके बाद एस्सेल जहां से आयी थी, उसे वहां भेज देंगे. कार्यक्रम की अध्यक्षता कॉलेज के संस्थापक एवं पीएचडी मंत्री डॉ महाचंद्र प्रसाद सिंह ने किया. वहीं शिक्षा मंत्री वृषिण पटेल, परिवहन मंत्री रमई राम, सांसद डॉ अनिल कुमार सहनी, विधान पार्षद दिनेश प्रसाद सिंह व प्राचार्य डॉ श्यामनंदन सिंह ने भी अपने-अपने विचार रखे.

अब 5.5 फुट में ही संतुष्ट

मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा, हम अब 70 साल के हो गये हैं. इतनी उम्र में एक बात मेरी समझ में आ गयी है. प्रदूषण की वजह से हम अपना जीवन खोते जा रहे हैं. पहले सात-सात फुट के लोग होते थे, लेकिन अब साढ़े पांच फुट के लिलिपुटियन में ही लोग संतुष्ट हो रहे हैं. पहले लोग सौ से सवा सौ साल जीते थे, लेकिन अब जीवन की औसत आयु 65 साल रह गयी है.

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