मुजफ्फरपुर: निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए एस्सेल कंपनी के अधिकारियों ने ट्रांसमिशन लाइन को दुरुस्त करने के लिए सर्वेक्षण का कार्य शुरू कर दिया है. शहर के विभिन्न इलाकों का दौरा कर कंपनी की तकनीकी टीम वस्तुस्थिति से अवगत हो रही है.
कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक ट्रांसमिशन लाइन को दुरुस्त करने के लिए हाइटेंशन तार की क्षमता बढ़ायी जायेगी. इसके तहत हाइटेंशन तार (33 व 11 केवीए) तार में डाग वायर का उपयोग किया जायेगा. पावर स्टेशन को संसाधन से लैस किया जायेगा. उपभोक्ताओं की समस्या के निराकरण के लिए 15 कस्टमर केयर सेंटर खोले जायेंगे. निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए ऐस्सेल कंपनी पावर स्टेशन से लेकर उपभोक्ता के आवास तक के इंन्फ्रास्ट्रक्वचर को खंगाल रहा है.
बता दें कि 15 घंटे से अधिक लगातार बिजली देने पर तार टूटने व जंफर गलने लगता है. यही कारण है कि पीक ऑवर में फीडर को बंद रखा जाता है. खास कर गरमी के दिनों में समस्या बढ़ जाती है. लोड अधिक होने के कारण कारण प्रति दिन शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र का फीडर ब्रेक डाउन में फंसता है. कई – कई दिन तक बत्ती गुल रहती है. आंधी पानी आने पर तो एक साथ पूरे जिले की आपूर्ति ठप हो जाती है.
विगत चार वर्ष में तार टूटने या मेटेनेंस के दौरान मुजफ्फरपुर सर्किल में 30 लोग जान गंवा चुके है. विशेष रुप से बरसात के मौसम में तार टूटना खतरनाक साबित होता है. जोड़ वाले तार के टूटने व गलने का डर बना रहता है. 2010 में सदातपुर के निकट 33 केवीए पोल में अचानक बिजली दौड़ जाने से एक ही परिवार के 6 लोगों की झुलस कर मौत हो गयी थी.
ब्रेक डाउन हुआ बेला फीडर
मंगलवार दोपहर में बेला फीडर ब्रेक डाउन में चला गया. तीन घंटे के बाद से इसे सुधारा जा सका. उसके बाद से आपूर्ति चालू हो सकी.