कांटी (मुजफ्फरपुर): पखनाहा के पूर्व मुखिया मिथिलेश सिंह के आवास पर डकैतों ने फिर धावा बोला, लेकिन अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके. स्वर्गीय मिथिलेश सिंह के परिजनों की ओर से की गयी जवाबी फायरिंग की वजह से डकैतों को भागना पड़ा. घटना शनिवार की शाम साढ़े छह बजे के आसपास हुई. उस समय पूर्व मुखिया के आवास पर खाना बन रहा था.
मामले की सूचना पुलिस को दी गयी, तो पानापुर ओपी प्रभारी ज्ञान प्रकाश की ओर से कहा गया, मैं क्या कर सकता हूं. हालांकि, घटना के थोड़ी देर बाद मौके पर पुलिस का गश्ती दल पहुंच गयी, लेकिन गुस्साये लोगों ने लगभग सवा आठ बजे मुजफ्फरपुर-मोतिहारी फोरलेन जाम कर दिया, लगभग तीन घंटे तक
सड़क जाम रखी. इस दौरान दोनों ओर लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबी गाड़ियों की कतार लग गयी. डीएसपी पूर्वी मो रहमान के आश्वासन पर पूर्व मुखिया के परिजन माने. शनिवार की रात मौके पर कांटी थाना प्रभारी को पुलिस बल के साथ छोड़ा गया है.
जानकारी के मुताबिक पूर्व मुखिया मिथिलेश सिंह के बेटे दिनेश सिंह शनिवार की शाम अपने साथी शिक्षक से दरवाजे पर बात कर रहे थे. इस दौरान घर में खाना बना रही स्व मिथिलेश सिंह की पतोहू पिंकी सिंह ने कुछ लोगों को बात करते सुना, तो उन्होंने इसकी सूचना घर के अन्य लोगों को दी. इसके बाद जब दिनेश सिंह समेत अन्य लोगों ने घर के पीछे के इलाके में देखा, तो दो लोग दीवार के सहारे घर की छत पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे. ये देख कर पूर्व मुखिया के परिजनों ने फायरिंग शुरू की. इसके बाद छत पर चढ़ रहे डकैत वापस भाग गये. बताते हैं कुछ लोग घर के पास खड़े थे.
फायरिंग के आवाज पर जुटे ग्रामीण
फायरिंग के आवाज सुन कर आसपास रहनेवाले लोग पूर्व मुखिया के दरवाजे पर आ गये, जब लोगों को घटना की जानकारी मिली, तो उनका गुस्सा बढ़ गया. घटना की सूचना पानापुर ओपी प्रभारी को दी गयी, तो उन्होंने कहा, डकैत आ गये हैं. हम क्या कर सकते हैं. हालांकि इसके कुछ ही देर बाद ओपी के जमादार गश्ती दल के साथ मौके पर पहुंचे. इस समय लगभग सात बजे थे, लेकिन गुस्साये लोगों ने उनसे बात करने से इनकार कर दिया. इसके कुछ देर बाद ओपी प्रभारी ज्ञान प्रकाश मौके पर पहुंचे, लेकिन वो शराब के नशे में धुत थे. लोगों ने पूछा, तो कहने लगे, आज जन्मदिन था. इस वजह से शराब पी ली. इसके बाद वो मौके पर ही बैठ गये. इसके कुछ ही देर बाद कांटी थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे.
रात साढ़े सात बजे तक मौके पर आसपास के सैकड़ों लोग पहुंच चुके थे. लोगों को पुलिस के रवैये पर नाराजगी थी. पूर्व मुखिया के परिजनों का कहना था, पिछले चार दिनों से उनके घर के पास अनजान लोग दिख रहे थे. इसकी सूचना उन लोगों की ओर से लगातार ओपी प्रभारी को दी जा रही थी, लेकिन उनकी ओर से कहा जाता था कि हम क्या कर सकते हैं. बताया जाता है कि शुक्रवार को कुछ लोग पूर्व मुखिया के घर के पास रहनेवाले लोगों के घरों में पहुंचे थे. उन लोगों ने से कुछ जानकारी ली थी. पूर्व मुखिया के परिजनों का कहना था कि पुलिस की उदासीनता के चलते उनके आवास पर दो साल में दूसरी बार डकैतों ने धावा बोला है.
एनएच जाम कर की आगजनी
रात लगभग सवा आठ बजे के आसपास ग्रामीणों ने मुजफ्फरपुर-मोतिहारी मार्ग को जाम कर दिया. इन लोगों का कहना था कि जब तक मौके पर एसएसपी रंजीत मिश्र नहीं आते हैं, तब तक जाम नहीं हटाया जायेगा. इसी बीच मौके पर डीएसपी भी पहुंच गये, लेकिन ग्रामीण डीएसपी से बात करने के लिए तैयार नहीं थे. ग्रामीणों ने सड़क पर टायर जला कर डाल दिया. जाम की वजह से सड़क के दोनों ओर वाहनों की कतार लग गयी. गुस्साये ग्रामीण एक भी वाहन को आने-जाने नहीं दे रहे थे. इनका कहना था कि जब तक एसएसपी मौके पर नहीं आते हैं, वो जाम नहीं हटायेंगे. हालांकि रात दस बजे तक मौके से ज्यादातर लोग जा चुके थे. कुछ लोग ही बचे थे.
सुरक्षा मुहैया कराने पर अड़े थे ग्रामीण
पूर्व मुखिया के आवास पर आसपास के लोगों के साथ बैठक हुई व कुछ लोगों ने सड़क जाम की थी. इस बीच डीएसपी पुलिस बल के साथ पास में खड़े थे. उनकी बात कोई सुनने को तैयार नहीं था. वहीं, जाम में फंसे लोग परेशान थे, जो लोग बसों में थे, वो आगे जाने के लिए सामान के साथ सड़क पर पैदल ही निकल पड़े, लेकिन उन्हें कोई साधन नहीं मिल रहा था. रात लगभग सवा ग्यारह बजे के आसपास डीएसपी फिर से पूर्व मुखिया के परिजनों से बात करने पहुंचे, तो उन लोगों ने कहा, उन्हें जाड़े भर पुलिस सुरक्षा मुहैय्या करायी जाये व पूर्व में डकैती के दौरान उनके पिता व भाई की हत्या के मामले की जांच अधिकारी को बदला जाये. इस पर डीएसपी ने दोनों मांगों को मानने की बात कही, तब जाकर जाम हटाया गया. शनिवार की रात में पूर्व मुखिया के आवास की सुरक्षा के लिए कांटी थानाध्यक्ष को पुलिस बल के साथ तैनात किया गया. रविवार को इस मामले पर डीएसपी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बात करके तय करेंगे, पूर्व मुखिया के परिजनों को किस तरह से सुरक्षा दी जाये.
टाटा 407 से भागे
मिथिलेश सिंह के पुत्र दिनेश सिंह व परिवार के अन्य सदस्य छत पर चढ़ अपने लाइसेंसी बंदूक से फायरिंग शुरू की, तब चार डकैत सामने फोरलेन पर लगे टाटा-407 पर सवार होकर फरार हो गये. घर के पूरब व दक्षिण कोने पर खड़े दो डकैतों को देख दिनेश सिंह की बहन चिल्लाने लगी, तब दोनों दोनों पूरब व उत्तर की दिशा में भागे.