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बैंक में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी

* आधा दर्जन युवक-युवतियों से आठ लाख की ठगी* इंटर पास युवक को दिया पीओ बनाने का झांसा* पैसे लेकर था फरार* प्रेम विवाह कर रामबाग को बनाया ठिकानामुजफ्फरपुर : लाखों रुपये लेकर बैंक में क्लर्क व पीओ पद पर नौकरी दिलाने का भंडाफोड़ हुआ है. बैंक में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये […]

* आधा दर्जन युवक-युवतियों से आठ लाख की ठगी
* इंटर पास युवक को दिया पीओ बनाने का झांसा
* पैसे लेकर था फरार
* प्रेम विवाह कर रामबाग को बनाया ठिकाना
मुजफ्फरपुर : लाखों रुपये लेकर बैंक में क्लर्क व पीओ पद पर नौकरी दिलाने का भंडाफोड़ हुआ है. बैंक में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करने के आरोपित को लोगों ने कोर्ट परिसर से पकड़ कर नगर पुलिस के हवाले कर दिया. उसके पास से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया का परिचय पत्र भी बरामद किया है. पूछताछ में क्रम में उसने कई बातें बतायी है, जिससे बड़े रैकेट के खुलासा होने की उम्मीद है.

जानकारी के अनुसार, सागर सिंह झारखंड स्थित धनबाद जिले के धनसार थाना क्षेत्र के बरमसिया मोतिया टोला का रहने वाला है. घरवालों से बेहतर संबंध नहीं होने के कारण वह प्रेम विवाह कर मिठनपुरा थाना क्षेत्र के रामबाग मोहल्ले में रहता है. दो साल पूर्व यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में क्लर्क व पीओ पर पर नियुक्ति के नाम पर उसने गायघाट थाना क्षेत्र के लोमा निवासी नागेंद्र कुमार चौधरी, सुमित्र कुमारी, संजय , मो असलम, राहुल समेत कई अन्य से लाखों रुपये की ठगी कर चुका है.

दो साल बीत जाने के बाद भी बैंक में नौकरी नहीं लगने पर सभी पीड़ितों ने उसे पैसे वापस करने को कहा, जिस पर वह फरार हो गया. शनिवार के दिन कोर्ट परिसर में सागर को घूमता देख नागेंद्र चौधरी उर्फ पिंटू ने उसे धर दबोचा. लेकिन वह पिंटू को चकमा देकर फरार हो गया. करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद सागर को पिंटू ने अन्य लोगों की मदद से जिला नियंत्रण कक्ष के समीप फिर से पकड़ लिया.

मौके पर ही उसकी पिटाई की गयी. वही सूचना मिलते ही प्रभारी नगर थानाध्यक्ष शैलेंद्र कुमार पुलिस बल के साथ वहां पहुंच गये. आरोपित सागर को गिरफ्तार कर पुलिस थाने ले आयी. पूछताछ में उसने बैंक में नौकरी के नाम पर पैसे लेने की बात स्वीकार करते हुए कई खुलासे किये, जिसके आधार पर पुलिस छानबीन में जुटी है.

जमशेदपुर का निलेश है नौकरी दिलाने का मास्टर माइंड : पूछताछ में धनबाद निवासी सागर सिंह ने बताया कि धनबाद से गोमो जाने के क्रम में उसका परिचय निलेश नाम के युवक से हुआ था. उसका जमशेदपुर व गोमो में मकान है. उसने कहा कि मैं तुम्हें बैंक की नौकरी में लगा सकता है, इसके लिए दो लाख रुपया देना होगा. पैसे नहीं होने की बात कहने पर कहा कि तुम चार-पांच पार्टी को लेकर आओ, इस एवज में तुम्हारी नौकरी फ्री लगेगी. घरवालों से बेहतर संबंध नहीं होने पर वह अपने परिचित गायघाट थाना क्षेत्र के लोमा निवासी मो रहमत के पास आ गया था.

रहमत उसकी पत्नी का रिश्तेदार है. रहमत के माध्यम से ही उसने लोमा निवासी नागेंद्र चौधरी, सुमित्र कुमारी सहित आधा दर्जन युवक-युवतियों से नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे ले लिया. वही नौकरी नहीं लगने पर जब पैसै का तगादा होने लगा, तो उसने नागेंद्र, मो असलम को यूनियन बैंक का परिचय पत्र दे दिया. परिचय पत्र बोचहां के मझौली शाखा का जारी किया गया था. उसने यह भी बताया कि उससे ढाई लाख रुपये नीलेश ने लिया था. उसे भी बैंक का परिचय पत्र जारी कर दिया. उसे रांची स्थित धुर्वा ब्रांच का परिचय पत्र जारी किया गया था. सागर ने पुलिस को बताया कि निलेश ने उसे वेबसाइट पर रिजल्ट भी दिखाया था.

* फौजी के बेटे को लगाया चूना
गायघाट थाना क्षेत्र के लोमा निवासी नूनू चौधरी त्रिपुरा में आर्मी में कार्यरत है. अपने बेटे को बैंक में नौकरी दिलाने के लिए उन्होंने सागर सिंह को दो लाख रुपये दिये थे. बाद में सागर ने उनके इंटर पास बेटे नागेंद्र चौधरी को पीओ बनाने का लालच देकर दो लाख रुपये और ऐंठ लिया. पैसे लेने के बाद वह फरार हो गया था. यहीं नहीं, उसने अपना मोबाइल नंबर भी बदल लिया था. गायघाट इलाके में जाना-आना भी छोड़ दिया. लेकिन शनिवार को वह ठगी के शिकार लोगों के हत्थे चढ गया. उसने बताया कि वह हत्याकांड में जेल में बंद एक अभियुक्त के वकील से मिलने आया था, तभी वह पकड़ा गया.

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