मुजफ्फरपुर: एइएस से बचाव के लिए शहर की सफाई व्यवस्था सुचारु रूप से चलाये जाने के लिए गुरुवार को बाल संरक्षण आयोग ने जन प्रतिनिधियों, डीडीसी, निदान व सिविल सजर्न के साथ
बैठक की.
आयोग की अध्यक्ष निशा झा ने अप्रैल के निर्णय के अनुसार किये गये कार्यो के बारे में पूछा. निदान ने कहा कि उसे कूड़ा फेंकने के लिए जगह नहीं दी गयी है. इससे सफाई व्यवस्था में समस्या आती है. जन प्रतिनिधियों ने भी सफाई ठीक से नहीं होने की बात स्वीकारी.
बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि सफाई कार्यो की जिम्मेवारी निगम पार्षद की होगी. वे अपने क्षेत्रों में सफाई की मॉनीटरिंग करेंगे. अध्यक्ष ने कहा कि जिन्हें सरकारी सहयोग चाहिए, वे बताएं. लेकिन शहर की सफाई हर हाल में सुनिश्चित होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल की बैठक में यह सुनिश्चित किया गया था कि एइएस से बचाव के लिए पहले से तैयारी होगी. लेकिन उसका असर नहीं दिख रहा है. उन्होंने कहा कि आयोग 15 दिन के बाद फिर समीक्षा बैठक कर किये गये कार्यो की जानकारी लेगा. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष एइएस का प्रकोप शहर में नहीं था. लेकिन इस बार अहियापुर से चार केस मिले हैं. यह गंभीर बात है. यदि हमलोग सचेत नहीं हुए तो गंभीर परिणाम हो सकता है.
ओआरएस हर घर में बांटें
निशा झा ने कहा कि ओआरएस का पैकेट प्रत्येक घरों में बंटना चाहिए. उन्होंने सीएस को निर्देश दिया कि वे पैकेट की व्यवस्था करायें. जन प्रतिनिधि इसमें सहयोग करेंगे. इस मौके पर उनके साथ आयोग के सदस्य डॉ निशींद्र किंजल्क, शोभा प्रकाश, विमल जैन, एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ जीके ठाकुर, मेयर वर्षा सिंह, उपमेयर सैयद माजिद हुसैन, वार्ड पार्षद रानी बेगम सहित अन्य पार्षद मौजूद थे.
सदर अस्पताल में हो इलाज
आयोग की टीम ने सीएस से सदर अस्पताल में पीड़ित बच्चों के इलाज के बारे में पूछा. सिविल सजर्न ने कहा कि अस्पताल में इलाज की पूरी व्यवस्था है. बच्चे आयेंगे तो इलाज होगा.
अध्यक्ष ने पूछा कि नर्स व पारामेडिकल स्टाफ को इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया है या नहीं. सीएस ने कहा कि सारी चीजें दुरुस्त है. अध्यक्ष ने कहा कि अस्पताल के प्रति लोगों में विश्वास की कमी है. लोगों के बीच विश्वास को बनाने की जरूरत है. इससे मरीजों को अन्य जगहों पर इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.