मुजफ्फरपुर: जाम की समस्या से जूझ रहे शहर वासियों के लिए राहत देने वाली खबर है. बहुप्रतिक्षित लक्ष्मी चौक- सिकंदरपुर सड़क (मरीन ड्राइव ) के शेष का भाग का निर्माण रविवार से शुरू हो जायेगा.
भूमि अधिग्रहण को लेकर पटना हाइकोर्ट में चल रहे मामले में कोर्ट ने अहम निर्णय दिया है. इससे सड़क निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. हाइकोर्ट ने जिलाधिकारी को भूमि अधिग्रहण मामले में निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है.
दो साल से लगा था ग्रहण
शहर के दो बड़े भाग को जोड़ने वाली यह ड्रीम प्रोजेक्ट महज कुछ डिसमिल जमीन के लिए दो वर्ष से अटका हुआ था. भूमि अधिग्रहण को लेकर ब्रrापुरा निवासी लक्ष्मण साह ने याचिका दायर किया. आवेदक में शिकायत की थी कि सड़क के लिए खाली जमीन उपलब्ध रहने के बावजूद सरकार उसके जमीन (जिसमें मकान है ) का अधिग्रहण कर रही है. श्री साह ने भूमि अधिग्रहरण में पक्षपात का आरोप भी लगाया था. मामले में कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी. जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर अपने स्तर से इसका निष्पादन करेंगें. परिवादी अपनी आपत्ति आदेश की तिथि के 45 दिनों के अंदर जिलाधिकारी के समक्ष रख सकते हैं. आपत्ति आवेदन जमा करने की तिथि के एक महीने के अंदर डीएम आपत्ति का निष्पादन करेंगे. अधिग्रहण किये गये भूमि पर बने मकान को तोड़ने के बारे में डीएम ही निर्णय लेंगे.
जाम से मिलेगी मुक्ति
छह करोड़ 44 लाख की लागत से बनी दो किलोमीटर लंबी सड़क के चालू हो जाने से जाम की समस्या का स्थायी निदान हो जायेगा. शहर के दो पाट को जोड़ने वाली सड़क के निर्माण से ब्रम्हपुरा, लक्ष्मी चौक, जूरन छपरा, कंपनीबाग, सरैयागंज का ट्रैफिक लोड काफी कम जायेगा. विधि व्यवस्था के दृष्टिकोण से भी यह सड़क शहर के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा. बैरिया बस स्टैंड से आने वाले लोगों की दूरी काफी कम जायेगी.